*⚵╭ 🌴﷽🌴 ╮⚵*
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*✿ जन्नत के हसीन मनाज़िर ✿*
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*क़िस्त–2*
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*☞_ खैमे कैसे होंगे,*
*⚃➠ हज़रत आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा फरमाती है कि मैने अर्ज़ किया- या रसूलल्लाह ! मैंने सुना है अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं, "हूरेन होंगी खैमो में ठहरी हुई," ये खैमे क्या है?*
*"_तो आन हज़रत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया- मुझे उस ज़ात की क़सम है जिसके कब्ज़े में मेरी जान है जन्नत के खैमों में से एक खैमा एक ही गोहर का होगा अंदर से खोलदार बत्तीस किलोमीटर लंबा बत्तीस किलोमीटर चौड़ा (यानी लंबाई और चौड़ाई बराबर होगी ) याक़ूत और ज़बर जद का (उस खैमे को) ताज पहनाया गया होगा, उसके सोने के सत्तर दरवाज़े होंगे, "*
. *📚_वसफुल फिरदौस ,(38) सफा 16,*
[5/7, 10:26 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ क़ुब्बा,*
*"_ हजरत अबू स'ईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_अदना दरजे के जन्नती का मरतबा ये होगा कि उसके लिए एक क़ुब्बा लो लो और याक़ूत और ज़बर जद का तैयार किया जाएगा (जो तोल में) जाबिया से सन'आ जितना होगा,_"*
*➠फायदा_ जाबिया मुल्के शाम में मशहूर शहर दमिश्क के क़रीब एक शहर है और सन'आ मुल्के यमन का दारुल खिलाफा है।*
*📚वसफुल फिरदौस (37) सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया (206), मजमुअज़ ज़वाइद (10/401), तरगीब व तरहीब (4/508)*
[5/8, 10:27 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ रेशम के बिस्तर ,*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :-"(और) वो लोग (जन्नत में) तकिया लगाये ऐसे फर्शों (बिछोनो और बिस्तरों) पर बैठे होंगे जिनके अस्तर मोटे रेशम के होंगे , (और क़ायदा है कि ऊपर का कपड़ा बनिस्बत असतर के ज़्यादा नफ़ीस होता है, पस जब अस्तर मोटे रेशम का होगा तो ऊपर का कैसा कुछ होगा),*
*$__सूरह अर रहमान :54*
*⚃➠फायदा _आयत से मालूम हुआ कि जन्नत के बिछोने की शक्ल ये होगी कि उसका निचला हिस्सा मोटे रेशम का होगा और ऊपर का हिस्सा उससे ज़्यादा नफीस और ज़ीनत मैं ज्यादा बढ़ कर होगा _,*
*📚 हादी अल रवाह - 269, हाकिम -6/475, सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया- 155, तरगीब व तरहीब -4/531,*
[5/9, 10:38 PM] Haqq Ka Daayi Official: *"_ बिछोने का ऊपर का हिस्सा नूर जामिद का होगा:-*
*"_ हजरत सईद रह. फरमाते हैं कि उनका ज़ाहिरी (ऊपर वाला) हिस्सा नूर का होगा _,"*
*📚सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया- 156, अबू नईम -4/286,*
*"_ मोटे और बारीक रेशम के दरमियान फासले की मिकदार:-*
*"_ हजरत अबू उमामा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि अगर उस बिछोने के ऊपर वाला हिस्सा गिराया जाए तो उसके निचले हिस्से तक 40 साल तक न पहुंचे _,*
*📚 सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया -158, दुर्रे मंसूर -4/157*
*"_ बिछोने कितने मोटे होंगे:-*
*⚃➠ हज़रत काब रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं के बिछोनो की उंचाई 40 साल के सफर के बराबर है,*
. *📚 निहाया इब्ने कसीर -2/449, हादी अल रवाह- 270, तबरानी सफतुल जन्नत अबू नईम -358,*
*"_ तख्त ए शाहाना,*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं':- (जन्नत में बैठे होंगे) तकिया लगाए हुए तख्तों पर जो बरबार बिछाए हुए है, और हम उनका गोरी गोरी बड़ी बड़ी आंखों वालियों से (यानी हूरो सी) निकाह कर देंगे _,"*
*🗂️_ सूरह अल गलियाना: 13 - तफ़सीर कार्यक्रम कुरआन थानवी रेह।*
*"_ हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि यह तख्त सोने के होंगे जिनके ताज जबर ज़द जोहर और याकूत के होंगे और एक तख्त मक्का और ईला जितना तवील होगा _,"*
*📚 हादी अल रवाह-278*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजिल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि अल्लाह का दोस्त जन्नत में तख्त पर तशरीफ फरमा होगा जिसकी बुलंदी 500 सौ साल की होगी, जिसके मुताल्लिक़ अल्लाह ताला का इरशाद है " और तख्त होंगे बुलंद _,"*
*"_ फरमाया कि यह तख़्त सुर्ख याकूत का होगा जिसके सब्ज़ ज़मर्द के दो पर होंगे फिर उस तख्त पर 70 बिछोने होंगे, जिनका अस्तर नूर का होगा और ऊपर का हिसा बारीक रेशम का होगा और अंदर का मोटे रेशम का होगा, अगर उस तख्त के ऊपर के हिसे को गिराया जाए तो अपने निचले हिस्से तक 40 साल की मुद्दत में पहुंचे _,"*
*📚बस्तान अल वाइज़ीन व रियाज़ुस साम'ईन -193-194*
: *☞ खिदमत गुजर लड़के और खादिम,*
*"_अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :-*
*"_और उन (जन्नतियों) के पास ऐसे लड़के आमदो रफ्त करेंगे जो हमेशा लड़के ही रहेंगे (ना तो वो बड़े होंगे ना बूढ़े और ना उनकी आब ताब में कोई कमी वाक़े होगी और वो इस क़दर हसीन है कि) ऐ मुखातिब अगर तू उनको (चलते फिरते) देखे तो यूं समझे कि मोती हैं जो बिखर गए हैं_,"*
*"_(मोती से तो तशबीह सफाई और चमक दमक में और बिखरे हुए का वस्फ उनके चलने फिरने के लिहाज़ से जेसे बिखरे मोती मुंतशिर हो कर कोई इधर जा रहा है कोई उधर जा रहा है और ये आ'ला दर्जे की तशबीह है और इन मज़कूरा असबाबे ऐश ही काफ़ी नहीं और भी हर समान इस अफरात और रफ़त के साथ होगा कि ) ऐ मुख़ातिब अगर तू उस जगह को देखे तो तुझको बड़ी नियामत और बड़ी सल्तनत दिखलाई दे,"*
*🗂️सूरह अद्- दहर 19-20, तफ़सीर बयानुल क़ुरआन,*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :-*
*"__ (और उनके पास मेवे वगेरा लाने के लिए) ऐसे लड़के आएंगे जो खास उन्हीं (की खिदमत) के लिए होंगे (और गायते हुस्नो जमाल से ऐसे होंगे कि) गोया वो हिफाज़त से रखे हुए मोती है (कि उन पर ज़रा भी गर्दो गुबार नहीं होता और आब ताब आला दर्जे की होती पर है)_,"*
*🗂️सूरह अत-तूर -24, तफ़सीर बयानुल क़ुरआन,*
*"_ उनके पास ऐसे लड़के जो हमेशा लड़के ही रहेंगे ये चीजें ले कर आमदो रफ्त किया करेंगे आबखोरे और आफताबे और ऐसा जाम शराब जो बहती हुई शराब से भरा जाएगा _”*
*🗂️सूरह वाक़िया -17-18, तफ़सीर बयानुल क़ुरआन,*
[5/13, 7:10 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ तदाद ए खादिम,*
*"_ हजरत अनस बिन मालिक रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"__तमाम जन्नतियों में सबसे कम दर्जे का जन्नती वो होगा जिसकी खिदमत में 10 हजार खादिम खड़े होंगे _",*
*🗂️_ सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया- 206, मजमुअज़ ज़वाइद -10/401, दुरे मंसूर -6/22, तरगीब व तरहीब -4/508*
*"_ हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*“__जन्नतियों में सबसे कम दर्जे का जन्नती वो होगा जिसके 80 हज़ार खादिम होंगे और बेहत्तर बिवियां होंगी और उसके लिए एक कुब्बा लो लो और याकू़त और ज़बर जद का क़ा'इम किया जाएगा (जिसकी लंबाई) जाबिया ( मुल्क शाम में दमिश्क शहर के पास एक शहर का नाम है) से सन'आ (मुल्के यमन के दारुल खिलाफा) जितनी होगी _,"*
*📚सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया-211, मजमुअज़ ज़वाइद -10/400-401,*
[5/13, 10:41 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ हुर किस कहते हैं?,*
*"_ हजरत मुजाहिद रह. फरमाते हैं:- हूर उसको कहते हैं जिसके दीदार से आंख हैरत में पड़ जाए, उसकी पिंडली कपड़ो के नीचे से नज़र आती हो, देखने वाला अपने चेहरे को उन हूरों में से हर एक के जिगर में रक़त जिल्द और सफाये रंग की वजह से आइने की तरह देखेंगा _,"*
*📚अल बद्रो साफरा (2002), तफ़सीर मुजाहिद 2/590, तफ़सीर तिबरी 25/132, हादी अल रवाह 285*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :-*
*"__इन (बागो के मकानात और महल्लात) में नीची निगाहों वाली हूरें होंगी कि उन (जन्नती) लोगो से पहले उन पर ना तो किसी आदमी ने तसर्रुफ किया होगा और ना किसी जिन (यानी बिलकुल महफूज और गैर मुस्तमिल होगी ) सिवाय जिन्नात व इंसान (बावजूद इस क़सरत व अजमते नियामत के) तुम अपने रब की कौन कौन सी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे (और रंगत इस क़दर साफ व शफफ़ाफ़ होगी कि) गोया वो याक़ूत और मरजान है,_”*
*📚 सूरह अर रहमान, 57-58*
*"_ हजरत हसन बसरी रह. फरमाते हैं हूर वो है जिसकी आंख का (सफेद हिस्सा) निहायत ही सफेद हो और स्याह हिसा निहायत ही सियाह हो,*
*📚 तफ़सीर क़ुरतुबी ,16/153*
[5/14, 10:46 PM] Haqq Ka Daayi Official: *"_हूरैन किसे कहते हैं :-*
*⚃➠अल्लामा इब्ने क़य्यिम रहमतुल्लाह फरमाते हैं कि हूर हूरा की जमा (बहुवचन) है और हूरा औरत को कहते हैं जो जवान हो हसीन व जमील हो, गोरे रंग की हो स्याह आंख वाली हो …….. और ऐन ऐयना की जमा (बहुवचन) है और ऐयना उस औरत को कहते हैं जो औरतो मैं बड़ी आंख वाली हो _,"*
. *हादी अल रवाह, 285*
*⚃➠ हूर हूरा की जमा (बहुवचन) है और ऐन ऐयना की जमा है, उर्दू मुहावरे मे लोग हूरैन को वाहिद (एकवचन) के माने में इस्तेमाल करते हैं और ये गलती आम हो रही है, (इम्दादुल्लाह)*
[5/15, 10:58 PM] Enamul Uloom: *☞_ हूर की पैदाइश खास अंदाज से की गई*
*"_ इरशादे खुदावंदी है :- उन जन्नती लोगो से पहले उन पर ना तो किसी आदमी ने तसर्रुफ किया होगा और ना किसी जिन्न ने,"*
*"_आयत की तफ़सीर में इमाम शाबी रह. फरमाते हैं कि ये औरते दुनिया के मर्दो की बिवियां बनेंगी अल्लाह तआला ने उनको एक और तरीक़े से दिया किया है जैसा कि अल्लाह तआला फरमाते हैं:-*
*"_ हमने उन औरतों को खास तोर पर बनाया है यानि हमें उनको ऐसा बनाया कि वो कुंवारियां हैं (यानी बाद मुक़ारबत के फिर से कुंवारी हो जाएंगी) मेहबूबा है (यानी हरकात व शमाइल व नाज़ व अंदाज़ व हुस्नो जमाल सब चीज़ उनकी दिलकश है और अहले जन्नत की हम उमर हैं )_," (सूरह वक़िया -32-35)*
*"₹ इमाम शाबी रह. फरमाते हैं जब से उनको खास अंदाज से बनाया है उनको किसी इंसान और जिन्न ने छुआ तक नहीं _"*
*🗂️_ सुनन सईद बिन मंसूर, बहकी, बद्रो सफ़राह (2007)*
[5/16, 10:47 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ हुरें ज़फ़रान से पैदा की गई है,*
*"_ हजरत अबू उमामा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"__जन्नत की हूरेन को ज़ाफरान से पैदा किया गया है _"*
*📚 अल बद्रो सफ़राह (2016) तबरानी (7813) दुरे मंसूर (6/33)*
*⚃➠फायदा:- हज़रत इब्ने बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु और हज़रत मुजाहिद रह. से भी ऐसे ही मरवी है, हज़रत ज़ैद बिन असलम रह. (ताबई मुफ़स्सीर) फरमाते हैं कि अल्लाह तआला ने हुरेन को मिट्टी से पैदा नहीं किया बल्की उन्को कस्तूरी काफूर और ज़ाफरान से पैदा किया है,"*
*📚 अल बद्रो सफ़राह (2018) बा-हवाला इब्ने मुबारक,*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु, हज़रत अनस रज़ियल्लाहु अन्हु और हज़रत अबू सलमा बिन अब्दुर्रहमान रह. (ताबई) और हज़रत मुजाहिद रह (ताबई) फरमाते हैं कि अल्लाह तआला के दोस्त के लिए ऐसी बीवी है जिसको आदम व हव्वा (इंसान) ने नहीं जना बल्की उसे ज़ाफरान से पैदा किया गया है (यानी वो जन्नत में तखलीक़ की गई है मां बाप के वास्ते से पैदा नहीं हुई) _,"*
*📚हादी अल रवाह -303, सफतुल जन्नते इब्ने अबिद दुनिया -295*
[5/18, 9:14 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _हूर के बदन के मुखतालिफ हिस्से किस चीज़ से बनाए गए हैं?,*
*"_ हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि अल्लाह तआला ने हूरेन को पांव की उंगलियों से उसके घुटने तक जा़फरान से बनाया है और उसके घुटने से उसके सीने तक कस्तूरी की खुशबू से बनाया है और उसके सीने से गर्दन तक शोला की तरह चमकने वाले अंबर से बनाया और उसकी गर्दन से सर तक सफेद काफूर से तख़लीक़ किया है,*
*"_ उसके ऊपर गुले लाला की सत्तर हज़ार पोशाकें पहनाई गई हैं, जब वो सामने आती है तो उसका चेहरा ज़बरदस्त नूर से ऐसे चमक उठता है जेसे दुनिया वालों के लिए सूरज और जब सामने आती हैं तो उसका पेट का अंदरूनी हिस्सा लिबास और जिल्द की बारीकी की वजह से दिखाई देता है,*
*"_उसके सर में खुशबूदार कस्तूरी के बालो की चोटियां हैं, हर एक चोटी को उठाने के लिए एक खिदमतगार होगी जो उसके किनारे को उठाने वाली होगी ये हूर कहती होगी ये इनाम है औलिया का और सवाब है उन आमल का जो बजा लाते थे _,"*
. *📚तज़किरतुल क़ुरतुबी, 2/481*
: *☞_ हुरों की उमर,*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :-*
*"__और उनके पास नीची निगाहो वाली हम सन (हुरे'न) होंगी _,"*
*“__ मुफ्ती मुहम्मद शफी साहब तहरीर फरमाते हैं कि इनसे मुराद जन्नत की हूरें हैं और हम सन का मतलब ये भी हो सकता है कि वो सब आपस में हम उमर होंगी और ये भी के वो अपने शोहर के साथ उमर मैं मुसावी होगी _,"*
*"_ पहली सूरत में उनके हम उमर होने का फ़ायदा ये है कि उनके दरमियान आपस में मुहब्बत, उन्स और दोस्ती का ताल्लुक़ होगा, सोकनो सा बुग्ज़ और नफ़रत नहीं होगी और ज़ाहिर है कि ये चीज़ शोहरो के लिए इन्तहाई राहत का सबब है _,"*
*"_ और दूसरी सूरत मे जबकि हम उमर का मतलब ये लिया जाए कि वो अपने शोहरो की हम उमर होंगी, इसका फायदा ये है कि हम उमरी की वजह से तबियतो मैं ज्यादा का मुनासबत होगी और एक दूसरे की राहत व दिलचस्पीका ख्याल ज्यादा रखा जा सकेगा,*
*"_ इससे ये मलूम हुआ कि जोजैन के दरमियान उमर में तनासुब की रियात रखना चाहिए, क्योंकि इससे आपस में उन्स पैदा होता है मिला होता है और रिश्ते निकाह ज्यादा खुशगवार और पायदार हो जाता है,*
*📚तफ़सीर मारफुल क़ुरआन, 7/527*
*"_हज़रत इब्ने अब्बास रज़िल्लाहु अन्हु और दीगर मुफ़सरीन फरमाते हैं की जन्नती हूरें एक ही उमर की (33 ) साल के बराबर होगी,"*
*(हुरो और दुनिया की औरतों की सबकी उमर जन्नत में 33 साल होगी)*
*📚 हादी अल रवाह, 288*
[5/20, 12:39 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _बुढिया जवान हो कर जन्नत में जाएगी,*
*"_ हजरत आयशा रजियल्लाहु अन्हा फरमाती है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम एक मरतबा मेरे पास तशरीफ लाए उस वक्त मेरे पास एक बुढिया बैठी थी, आपने सवाल फरमाया ये कोन है ? मैंने अर्ज़ किया मेरी खालाओं में से एक है,*
*"_ तो आपने इरशाद फरमाया, ये बात याद रखो कि जन्नत में बुढिया दाखिल ना होगी, ये इरशाद सुन कर बुढिया को गम और परशानी लाहिक़ हो गई, फिर अपने इरशाद फरमाया (अल्लाह तआला फरमाते हैं कि) हम उनको एक दूसरी शक्ल में (यानी जवान शक्ल में कब्रों से) उठाएंगे_”*
*📚 दुर्रे मंसूर -6/158, हादी अल रवाह -292*
*"_ हज़रत हसन बसरी रह. बयान फरमाते हैं:-*
*"एक बुढिया जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की खिदमत में हाजिर हुई और अर्ज़ किया या रसूलुल्लाह! अल्लाह तआला से दुआ फरमायें कि वो मुझे जन्नत में दाखिल करे,*
*"_ आपने फरमाया:- ऐ फलां की मां जन्नत में तो कोई बुढिया दाखिल नहीं होगी,*
*"_ (हजरत हसन बसरी रह.) फरमाते हैं कि (ये जवाब सुन कर बुढिया) मुंह फेर कर जाते हुए रोने लगी, तो आपके इरशाद फरमाया :- इसको बता दो उसमे कोई औरत बुढिया होने की हालत में जन्नत में दाखिल नहीं होगी, अल्लाह तआला फरमाते हैं हम उनकी दूसरी तरह की तखलीक़ करेंगे और उनको कुंवरियां बना देंगे _"*
*📚शमाईल तिर्मिज़ी (2/38 मा'अ जमा अल वसाइल शरह शमा'इल) मजमुअज़ ज़वायद (10/419)*
[5/21, 8:00 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ हूर का अफ़सोस,*
*"_ हजरत अबू उमामा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"__जब नमाज़ी सलाम फैरता है और ये नहीं कहता कि अल्लाह मुझे दोज़ख से निजात अता फरमा और मुझे जन्नत में दाखिल फरमा और मुझे हुरेन से ब्याह दे,*
*"_ तो फरिश्ते कहते हैं अफसोस क्या है ये शख्स बे-बस हो गया है कि अल्लाह ताला के साथ दोज़ख से पनाह तलब करे,*
*"_ और जन्नत कहती है अफसोस क्या ये शख्स आजिज़ हो गया है कि अल्लाह तआला से जन्नत मांगे,*
*"_और हूर कहती है कि ये शख्स आजिज़ आ गया है कि अल्लाह ताला से इसका सवाल करे कि वो उसकी हूरेन से शादी कर दे _",*
*📚 तबरानी, अल बद्रो साफ़राह (2058)*
[5/21, 9:58 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ हूर कब तक मुतवज्जह रहती है,*
*"_ हजरत अबू उमामा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जब मुसलमान नमाज़ के लिए खड़ा होता है तो उसके लिए जन्नत को खोल दिया जाता है, उसके और उसके रब के दर्मियान से परदे हटा दिए जाते हैं और हूर उसकी तरह अपना रुख कर लेती है जब तक वह ना थूके ना सिंके (क्योंकि हुरेन इस नज़ला ज़ुकाम वगैरह से पाक है और इनसे नफ़रत करती है)_”*
*📚_ तबरानी, अल बद्रो साफ़राह (2059)*
*☞_ हुरेन सुबह तक इंतजार में,*
*"_ हज़रत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"__जो शख्स थोड़ा खाना खा कर नमाज़ पढते हुए रात गुज़ारता है सुबह तक हूरेन इंतजार में रहती हैं ( कि शायद अल्लाह ताला इस नेक बंदे के साथ हमें ब्याह दे, वल्लाहु आलम )_,*
*📚तबरानी, अल बद्रो साफ़राह (2060)*
[5/23, 8:21 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ निकाह के लिए हूरों का पैगाम ,*
*"_हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नत शुरू साल से आखिरी साल तक माहे रमज़ान के इस्तक़बाल के लिए बनती संवरती है, फ़िर जब माहे रमज़ान की पहली रात होती है तो अर्श के नीचे से एक हवा चलती है उसका नाम "मसीरा" है उसकी वजह से जन्नत के दरख्तों के पत्ते और दरवाज़ो के कुंडे हिलते हैं_,*
*"_इससे ऐसी भीनी भीनी आवाज पैदा होती है कि सुनने वालों ने इससे ज़्यादा खूबसूरत नहीं सुनी होगी (इससे) हुरेन जन्नत के किनारे जा कर पुकार कर कहती है' - कोई है जो (हम से) शादी करने के लिए अल्लाह ताला को पैगामे निकाह दे और अल्लाह ताला उसकी शादी (हम से) कर दे?*
*➠ और अल्लाह ता'आला हुक्म फरमा देते हैं- ए रिज़वान (जन्नत की निगरानी का मुंतजिम फरिश्ता) जन्नत के सब दरवाज़े खोल दे और ए मालिक (दोजख का दरोगा) माहे रमजान के अहतराम मैं दोजख़ के सब दरवाज़े बंद कर दे _"*
*🗂️_ शोबुल ईमान, बहकी़ व तिर्मिज़ी, अल बद्रो सफ़राह (2055)*
[5/23, 9:56 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ हूर की तस्बीह से जन्नत के दरख्तो पर फूल लग जाते हैं,*
*"_ हजरत याह्या बिन अबी कसीर रह. फरमाते हैं कि जब हुरेन तस्बीह पढती है तो जन्नत के हर दरख्त पर फूल लग जाते हैं _,"*
*📚_हादी अल रवाह, 306*
*☞ लाईबा हूर ,"*
*"_हज़रत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं :-*
*"__जन्नत में एक हूर है जिसका नाम" लाईबा "है अगर वो अपना लुआबे दहन (कड़वे) समुंदर में डाल दे तो समुंदर का तमाम पानी शीरी हो जाए, उसके लिए सीने पर ये लिखा हुआ है "_ जो शख्स यह पसंद करता है कि मेरे जेसी हूर मिले तो उसको चाहिये कि मेरे परवरदिगार की फरमाबरदारी वाले आमाल करे _,"*
*📚 अल बद्रो साफ़रा बा हवाला इब्ने अबिद दुनिया सफ़तुल जन्नत (305) तज़किरतुल क़ुरतुबी (2/477)*
*"_ हाफिज इब्ने क़य्यिम रह. ने इस रिवायत को हज़रत इब्ने मसूद रज़ियल्लाहु अन्हु से नक़ल किया है और उसमे मज़ीद ये भी ज़िक्र किया है कि:-*
*"_ जन्नत की तमाम हूरेन उसके हुस्न पर हैरान है और उसके कांधे पर हाथ मार कर कहती हैं ऐ लाईबा! तेरे मुबारक हो अगर तेरे तलबगारो को (तेरे हुस्नो जमाल और कमाल का) इल्म हो तो खूब कोशिश करें (और आमाले सालेहा कर के तेरे मुस्तहिक बन जाएं) _,"*
*📚हादी अल रवाह, 305 ,*
[5/25, 6:59 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ नहर हरवल की कुंवारियां,*
*"_ हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नत में एक नहर है जिसका नाम हरवल है, उसके दोनो किनारो पर दरख्त उगे हैं, जब जन्नती सिमा की ख्वाहिश करेंगे तो कहेंगे हमारे साथ हरवल की तरह चलो ताकि हम दरख्तो से (खूबसूरत और दिलकश आवाज़ें) सुने,*
*"_ चुनांचे वो ऐसी (खूबसूरत) आवाज़ मे बोलेंगे कि अगर अल्लाह तआला ने जन्नतियो के ना मरने का फैसला ना किया होता तो उन आवाज़ों के शोक़ और तरब में मर जाते,*
*"_ पस जब उन ख़ूबसूरत आवाज़ो को (दरख़्त पर लगी हुई लड़कियां सुनेगी तो वो अरबी ज़बान में निहायत ख़ूबसूरत अंदाज़ और आवाज़ मे) अरबी ज़बान मे (कुछ) पढ़ेंगी तो अल्लाह के वली उनके पास क़रीब जाएंगे और हर एक उन लड़कियों मे से जिसको पसंद करेगा तोड़ लेगा फिर अल्लाह ताला उन लड़कियों की जगह वेसी ही और लड़कियां (उस दरख्त को) लगा देंगे _,"*
. *📚सफतुल जन्नत अबू नईम ,(311) (3/164)*
[5/25, 11:08 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ गुसा पीने पर हूर मिलेगी,*
*"_ हजरत मा'अज़ बिन अनस रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जिस शख्स ने गुस्से को पी लिया हालांकी वो उसे नाफ़िज़ करने पर क़ुदरत रखता था, अल्लाह तआला उसको क़यामत के दिन तमाम मख़लूक़ात के सामने बुलायेंगे हत्ताकी उसको अख्तियार देंगे वो हूरों में से जिसको चाहे ले ले _,"*
*📚मुसनद अहमद(3/440) अबू दाऊद (4777) तिर्मिज़ी (2022,3495) इब्ने माजा (4186) बह्यकी (8/161)*
[5/25, 11:13 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ हुरेन लेने के तीन काम _*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_तीन काम ऐसे है जिस शख्स के पास इनमें से एक भी होगा उसकी हूरेन के साथ शादी की जाएगी :-*
*"_( 1)- वो शख्स जिसके पास ज़रूरत की अमानत खुफिया तोर पर रखी गई और उसने उसको खौफ ए खुदा की वजह से अदा कर दिया,*
*"_( 2)- वो शख्स जिसने अपने क़ातिल को माफ़ कर दिया,*
*"_( 3)_ वो शख्स जिसने हर (फ़र्ज़) नमाज़ के बाद "कुल्हु वल्लाहु अहद" (पूरी सूरह इखलास) की तिलावत की _,"*
. *📚तरगीब व तरहीब, अल बद्रो साफ़राह (2042)*
*➠फायदा :- इन मजकूरा आमाल में से कोई सा अमल जितनी मर्तबा करेगा इंशा अल्लाह उतनी हूरें मिलेंगी _,"*
[5/28, 6:40 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ हर रोज़े का इनाम 100 हुरेन,*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*“__जन्नत एक साल से दूसरे साल (के शुरू होने) तक माहे रमज़ान के लिए संवरती है, और हूर भी एक साल के शुरू से दूसरे साल के शुरू तक रमजा़नुल मुबारक के लिए संवरती है,*
*"_ जन्नत कहती है-ऐ अल्लाह ! मेरे लिए अपने बंदो में से इस महीने में मकीन मुक़र्रर फरमा दे, और हुरें ये दुआ करती है कि -ए अल्लाह ! हमारे लिए इस महीने में अपने नेक बंदो में से खाविंद मुक़र्रर फरमा दे जिनसे हमारी आंखें ठंडी हो और हमसे उनकी आंखें थंडी हो_,"*
*"_जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया: जिस शख्स ने खुद रमज़ानुल मुबारक मे रोज़ा रखा कुछ खाया पिया नहीं और किसी मोमिन पर बोहतान भी नहीं लगाया और उस रोज़े की हालत मे कोई गुनाह भी ना किया अल्लाह ताला ( रोज़े की ) हर रात में उसके लिए सो (100) हूरों से उसकी शादी करेंगे,*
*"_ और उसके लिए जन्नत मे लो लो, याक़ूत और ज़बरजद का महल बनेगा, अगर तमाम दुनिया को उस महल में मुंतक़िल कर दिया जाए तो दुनिया मे बकरीयों की जगह जितना नज़र आएगा _,"*
*📚अल बद्रो साफ़रा, 2047, मुसनद अबू याला, मुअज्जम अवसत तबरानी, इब्ने असाकिर,*
[5/29, 7:41 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ नेकी का हुक्म और बुराई से रोकने का इनाम - अयना हूर की शान,*
*"_ हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं :-*
*"_जन्नत मैं एक हूर है जिसका नाम" अयना " है जब वो चलती है तो उसके इर्द गिर्द सत्तार हजार खिदमतगार लडकियां चलती हैं, उसकी दांई तरफ भी और उसकी बांई तरफ भी (इतनी ही खिदमतगार लड़कियां) होती है _,"*
*"_ ये हूर कहती है :- कहां है अमर् बिल मारूफ करने वाले और नही अनिल मुनकर करने वाले (यानी कहां है नेकियों का हुक्म करने वाले और बुराई से मना करने वाले) मैं उनका इनाम हुं,*
*"_यानी हर ऐसे आदमी को ऐसी एक हूर "अयना" अता की जाएगी या तो अमर् बिल मारूफ नही अनिल मुंकर करते रहने के सवाब मे ये एक हूर मिलेगी या ये कि हर दफा अमर् बिल मारूफ नही अनिल मुनकर के सवाब मे ये हूर अता की जाएगी, ज़ाहिर यही है कि हर दफा अमर् या नही करने पर ये हूर मिलेगी, वल्लाहु आलम _,"*
*📚अल बद्रो साफ़राह (2049) तबरानी, मजमुआ अज़ ज़वायद, तज़किरतुल क़ुरतुबी (2/477) सफ़तुल जन्नत इब्ने कसीर 110,*
: *☞_ जन्नती के लिए औरतों और हूरों की तादाद,*
*"_ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जन्नत में इंसान की सत्तर बिवियों से शादी की जाएगी"*
*"_अर्ज़ किया गया - या रसूलुल्लाह ! क्या मर्द उन सबकी ताक़त रखेगा ?*
*"_आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :- मर्द को सो (100) आदमियों की ताक़त अता की जाएगी _,"*
*📚किताबुल ज़ो'अफ़ा अल अकीली (3/166), इब्ने हिबान (9/236) अल बद्रो साफ़राह (2031) मज़मुअज़ ज़वायद (10/417) सफ़तुल जन्नत अबू नईम (476)*
*"_ हजरत हातिब बिन अबी बलता रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि मैने जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सुना :-*
*"__जन्नत मे मोमिन की बहत्तर (72) बीवियों से शादी की जाएगी, 70 जन्नत की औरतें होंगी और दो दुनिया की औरतें होंगी _,"*
*📚अल बद्रो साफ़राह,(2032)*
*"_हजरत अबू सैयद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_अदना दर्जे के जन्नती के अस्सी हज़ार खादिम होंगे और बहत्तर बीवियां होंगी, हर एक जन्नती के लिए लो लो, याक़ूत और ज़बरजद का एक क़ुब्बा नस्ब किया जाएगा (जिसकी लम्बाई) जाबिया (मुल्के शाम के शहर) से सन'आ (मुल्के यमन के दारुल सल्तनत) जितनी होगी _,"*
*📚इब्ने मुबारक फ़िज़ ज़ुहद (2/167) तिर्मिज़ी (2562) अल बद्रो साफ़राह (2033) हादी अल रवाह (298) तज़किरतुल क़ुरतुबी (2/475)*
[5/31, 8:11 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _अदना दरजे के जन्नती की बिवियो की तड़ाद,*
*"_ हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है के जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*“_ अदना दरजे के जन्नती के सात दरजात होंगे ये छटे पर रहता होगा उसके ऊपर सातवा दरजा होगा, उसके तीन सो (300) खादिम होंगे,*
*"__उसके सामने रोज़ाना सुबह शाम सोने चांदी के तीन सो प्याले खाने के पेश किए जाएंगे, हर एक प्याले मे ऐसे क़िस्म का खाना होगा जो दूसरे मे नहीं होगा और जन्नती उसके शूरू मे ऐसे ही लज़्ज़त पाएगा जैसे कि उसके आखिर से,*
*"__और वो ये कहता होगा कि या रब अगर आप मुझे इजाज़त दें तो मैं तमाम जन्नत वालो को खिलाऊं और पिलाऊं जो कुछ मेरे पास है (उसमे कमी ना होगी)*
*"__उसकी हूरेन मे से बहत्तर बिवियां होंगी और उनमे से हर एक की सुरीन ज़मीन के एक मील के बराबर होगी_,"*
*📚मुसनद अहमद (2/537) अल बद्रो साफ़राह (2035) मजमुअज़ ज़वायद (10/400) हादी अल रवाह (208)*
*"_ जन्नती मर्द की पांच सो हुरों और चार हजार कुंवारियों और आठ हजार शादी शुदा औरतों से शादी की जाएगी, जन्नती उनमे से हर एक के साथ अपनी दुनियावी जिंदगी की मिक़दार के बराबर मुआनका़ करेगा _,"*
*🗂️_किताबुल अज़मत अबू शेख, (591) दुर्रे मंसूर (1/40) अल बद्रो साफ़राह (2034) फ़ताहुल बारी (6/325) तरगीब व तरहीब (4/532)*
[6/1, 6:35 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _नहरों के किनारे खैमों की हूरें,*
*"_ हजरत अहमद बिन अबी अल हवारी रह. फरमाते हैं कि मैंने हजरत अबू सुलेमान दारानी रह. को फरमाते हुए सुना :-*
*“__जन्नत मे कुछ नहरें ऐसी हैं जिनके किनारों पर खैमे नसब किए गए हैं, उनमे हुरेन मौजूद हैं, अल्लाह ताला ने उनमे से हर एक को नए तरीक़े से पैदा किया है,*
*"_ जब उनका हुस्न कामिल हो गया तो फरिश्तो ने उनके ऊपर खैमे लगा दिये, ये एक मील दर मील कुर्सी पर बेठी है जबकी उनकी सुरीनें कुर्सी के अतराफ से बाहर को निकल रही है,*
*"_ जन्नत वाले अपने महल्लात से (निकल कर उनके पास) आएंगे और जिस तरह से चाहेंगे उनके नगमात और तराने सुनेंगे, फिर हर जन्नती हर एक के साथ खिलवत मैं चला जाएगा_,"*
*📚अल बद्रो साफ़राह (2028) बा हवाला इब्ने अबिद दुनिया, सफ़तुल जन्नत (351)*
[6/1, 6:23 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ बादल से लड़कियों की बारिश ,*
*"_ हजरार कसीर बिन मुरह रह. फ़रमाते है कि जन्नत की नियामत "मज़ीद" में से एक ये है कि जन्नत वालो के ऊपर से एक बदली गुज़रेगी वो कहेगी-तुम क्या चाहते हो, मैं आप हज़रात पर किस नियामत की बारिश करू?*
*"_ चुनांचे वो हज़रात जिस नियामत की चाहत करेंगे वही उन पर नाज़िल होगी, हज़रत कसीर बिन मुरह (हज़रमी रह.) फरमाते हैं कि कि अगर अल्लाह तआला ने मुझे यह मंजर दिखाया तो मैं यह कहुंगा कि हम पर सिंघार करदा लड़कियों की बारिश हो _”*
*📚सफ़तुल जन्नत इब्ने आबिद दुनिया (302) अबू नईम (3/223) तज़किरतुल क़ुरतुबी (2/498) अल बद्रो सफ़राह (2040)*
*"_ हजरत अबू तैयबा कलाई रह. फरमाते हैं- जन्नत वालो पर नियामतों से भरी हुई बदली टुकड़े - टुकड़े हो कर साया करेगी और पुछेगी:- मैं आप हजरत पर किस नियम और लज्जत की बारिश करुं ?*
*"_ पस जो शख्स जिस क़िस्म की ख़्वाइश करेगा उस पर उसी की बारिश करेगी, हत्ताकि बाज़ जन्नती ये कहेंगे कि हम पर नोखास्ता हम उमर लड़कियों की बारिश हो _,"*
. *📚सफतुल जन्नत इब्ने आबिद दुनिया (292)*
[6/2, 7:02 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _जन्नती मर्दों के लिए मजीद हूरों का इनाम,*
*"_हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*“_जन्नती आदमी जन्नत मे करवट बदलने से पहले सत्तर साल तक टेक लगा कर बैठेगा फिर उसके पास एक औरत आएगी जिसके रुखसार मे वो अपने मुंह को आईने से ज़्यादा साफ देखेगा,*
*"_ उस पर का अदना मोती मशरिक व मगरिब के दरमियानी हिस्से को रोशन कर देने वाला होगा, ये उसको सलाम करेगी और वो उसके सलाम का जवाब देगा और पुछेगा आप कौन हो ? वो बतायेगी मैं इज़ाफ़ी अतिया हूं _,"*
*"_ औरत पर सत्तर पोशके होंगी उनसे भी नज़र गुज़र जाएगी, हत्ताकी वो उसकी पिंडली के गुदे को उन पोशाको के पीछे से देख लेगा, उन औरतों पर ताज भी होंगे जिनका अदना दर्जा का मोती मशरिक व मगरिब के दरमियानी हिस्से को रोशन कर सकता होगा _,"*
*🗂️_ मुसनद अबू याला, बा सनद हसन अल बद्रो साफ़राह (2024) मुसनद अहमद (3/75) मजमुअज़ ज़वायद (10/419) सफ़तुल जन्नत इब्ने कसीर (109)*
[6/4, 7:16 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ क्या दुनिया की बहुत कम औरतें जन्नत मे जाएंगी ? ,*
*"_ हजरत इमरान बिन हुसैन रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :- "जन्नत मे सबसे कम बाशिंदे (दुनिया की) औरते हैं _,"*
*📚मुसनद अहमद (4/427) मुस्लिम (2738)*
*"_ हज़रत इमरान बिन हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु, हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु और हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से मरवी है के जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"मैंने दोज़ख मे झाँक कर देखा तो उसके बशिन्दो मे औरतों को ज़्यादा देखा और मैंने जन्नत में झाँक कर देखा तो उसके बशिन्दो मे फुक़रा को ज़्यादा देखा _,"*
*📚बुखारी (3241) मुस्लिम (2737) तारगीब व तारीब (4/183)*
[6/4, 7:17 AM] Haqq Ka Daayi Official: *"_ दुनिया की ख़्वातीन के जन्नत में कम होने की वजह:-*
*"_ हजरत इब्ने उमर रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ऐ औरतों की जिन्स! तुम सदका़ किया करो और कसरत से इस्तगफार किया करो क्योंकि मैंने तुम्हें (यानी तुम्हारी जिन्स को) दोजाखियो मैं बहुत ज़्यादा देखा है_,"*
*"_ एक औरत ने जो अच्छे अंदाज से गुफ्तगू करती थी अर्ज़ किया :- या रसूलल्लाह ! हमने क्या कुसूर किया है, हम (औरतें) दोज़ाखियों में ज़्यादा क्यों होंगी?*
*"_अपने इरशाद फरमाया :- तुम लानत मलामत ज़्यादा करती हो और ख़ाविंद की नाशुक्री और नाफरमानी कर लेती हो _,"*
*🗂️_ इब्ने माजा (4003) हादी अल रवाह (172) अखरजा मुस्लिम (885) तिर्मिज़ी (2613) मुसनद अहमद (1/323) मिश्कात (19) कंजुल उम्माल (45075) तफ़सीर क़ुरतुबी (3/82)*
[6/5, 10:37 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत की बिवियाँ,*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :-*
*"__और जन्नतियो के लिए बीवियां होंगी पाक साफ _," (सूरह अल बकराह)*
*"_ हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"__जन्नत की हूरें और दुनिया की औरतें जो जन्नतियों के निकाह में दी जाएंगे उनकी पाकीज़गी का ये आलम होगा कि उनको ना तो हैज़ आएगा ना पेशब पाखाना और ना नाक की रेजिश ना थूक _,"*
*📚अल बद्रो साफ़राह (1989) तफ़सीर इब्ने कसीर (1/92) फ़तहुल बारी (6/320) सफ़तुल जन्नत अबू नईम (323)*
*"_ इसी तरह से जन्नत की औरतें सिफ़ाते मज़्मुमा से पाक होगी, उनकी ज़बान फ़हश और घटिया बातो से पाक होगी, उनकी आँख अपने ख़ाविंदों के अलावा गैर को देखने से पाक होंगी उनके कपडे मेल कुचेल से पाक होंगे _"*
*📚हादी अल रवाह,284*
[6/6, 7:55 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत की औरतों और हूरों का हुस्न,*
*"_ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_सुबह की एक घड़ी या शाम की एक घड़ी अल्लाह के रास्ते मैं गुज़ार देना दुनिया व माफ़ीहा से बेहतर है और जन्नत मे तुम्हारी एक कमान का फासला दुनिया व माफ़ीहा से ज़्यादा क़ीमती है,*
*"__अगर जन्नत की औरतों में से कोई औरत ज़मीन की तरफ़ झाँक ले तो तमाम ज़मीन को रोशन कर दे और रु-ए- ज़मीन को मोअत्तर कर दे और उसके सर का दुपट्टा दुनिया व माफ़ीहा से ज़्यादा क़ीमती है _,"*
*📚_मुसनद अहमद (3/147) बुखारी (11/418, मय फतहुल बारी) तिर्मिज़ी (1651) अल बद्रो साफ़राह (1996)*
[6/8, 9:22 AM] Haqq Ka Daayi Official: *"_ औरत के रूखसार में जन्नती को अपनी शक्ल नज़र आएगी:-*
*"_ हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशादे खुदावंदी "गोया कि वो ख्वातीन याकू़त और मरजान है" कि तफ़सीर मैं इरशाद फरमाया :-*
*“_ जन्नती अपने चेहरे को उसके (हूर और औरत के) रुखसार मे आईने से भी ज़्यादा साफ शफाफ देखेंगे और उसके (लिबास) का अदना मोती (इतना खूबसूरत है कि वो) मशरिक व मगरिब के दरमियानी हिस्से को रोशन कर सकते हैं, उस औरत पर सत्तर पोशके होंगी मगर फिर भी उन पोशको से निगाह गुज़र जाएगी हत्ताकी वो उन के पीछे से उसकी पिंडली को भी देखेगा _,"*
*📚मुसनद अहमद (3/75) अल बद्रो साफ़राह (1997) ज़वाइद ज़ुहद इब्ने मुबारक (258)*
[6/9, 6:32 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ हुर के हुस्न के करिश्मे,*
*"_ हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजियाअल्लाहु अन्हु फरमाते हैं :-*
*"_अगर कोई हूर अपनी हथेली को आसमान और ज़मीन के दर्मियान ज़ाहिर कर दे तो तमाम मखलूक़ात उसके हुस्न की दीवानी हो जाए और अगर वो अपने दुपट्टे को ज़ाहिर कर दे तो उसके हुस्न के सामने सूरज दिए की तरह बेनूर नज़र आए और अगर वो अपने चेहरे को खोल दे तो उसके हुस्न से आसमान व ज़मीन का दरमियानी हिस्सा जगमगा उठे _,"*
*📚_सफ़तुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया (अल बद्रो साफ़राह/2025) हादी अल रवाह (302) तरगीब व तरहीब (4/535)सफ़तुल जन्नत इब्ने कसीर (110)*
*"_ हजरत काब अहबार रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि अगर कोई हूर अपने हाथ को उसकी खूबसूरती और अंगुठियों समेत आसमान से ज़ाहिर करे तो उसकी वजह से सारी ज़मीन रोशन हो जाए, जिस तरह से सूरज दुनिया वालो को रोशनी पहुंचाता है_,"*
*"_फिर फरमाया यह तो उसका हाथ है, उसके चेहरे का हुस्न, रंगत, जमाल और उसका ताज याक़ूत, लो लो और ज़बर जद समेत कैसा हुस्न होगा।"*
*📚 सफ़तुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया(301) अल बद्रो साफ़राह (2027) हादी अल रवाह (304) तरगीब व तरहीब (4/535)*
[6/10, 10:45 AM] Haqq Ka Daayi Official: *"_हूर के दुपट्टे की क़द्रो क़ीमत :-*
*"_ हज़रत अनस रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे सरवरे आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया-*
*"_ अगर जन्नत की कोई औरत ज़मीन की तरफ झाँक ले तो आसमान व ज़मीन के दरमियानी हिस्से को खुशबू से मौअत्तर कर दे और आसमान व ज़मीन के दरमियानी हिस्से को मुनव्वर कर दे, उसके सर का दुपट्टा दुनिया और दुनिया से तमाम ख़ज़ानों से ज़्यादा क़ीमती है_,"*
*🗂️_ मुसनद अहमद -3/264, बुखारी- 2796, मुस्लिम - 1880, तिर्मिज़ी - 1651, तरगीब व तरहीब- 4/532,*
*"_ हूर की मुस्कुराहट :-*
*"_ हज़रत इब्ने मसूद रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया-*
*"_ जन्नत में एक नूर चमका जब लोगो ने अपने सरो को उठा कर देखा तो वो एक हूर की मुस्कुराहट थी जिसने अपने खाविंद के चेहरे को देख कर मुस्कुराहत ज़ाहिर की थी"*
*🗂️"_ सफतुल जन्नत अबू नईम-381 हादी अल रवाह -303,*
[6/11, 11:27 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नती ख़्वातीन के हुस्न की जामा हदीस ,*
*"_ उम्मुल मोमिनीन हज़रत उम्मे सलमा रज़ियल्लाहु अन्हा फरमाती है कि मैने अर्ज़ किया :- या रसूलअल्लाह ! अल्लाह तआला के इरशाद ''हुरे'न'' के मुताल्लिक़ मुझे कुछ वजाहत फरमायें?*
*"_आपने इरशाद फरमाया - गोरी गोरी भरे हुए जिस्म वाली, गुले लाला के रंग की आंखो वाली, अपने हुस्न की लताफत और रक़'त जिल्द से नज़र को हैरान कर देने वाली गिध के पर की तरह ( लम्बे बालो वाली) आंखों की खूबसूरत पलकों वाली को हुरेन कहते हैं_”*
*"_ हजरत उम्मे सलमा रजियल्लाहु अन्हा ने अर्ज़ किया- आप मुझे,*
*"کانھن الیاقوت والمرجان"*
*"_की तफ़सीर बयान फमाये?*
*"__ आपने इरशाद फरमाया:- ये रंगत में उस मोती की तरह साफ सफाफ होगी जो सीपो मे होता है और जिसको हाथो ने नहीं छूआ होता है,"*
*"_ मैंने अरज़ किया मुझे आप अल्लाह तआला के इरशाद "کانھن بیض مکنون" की तफ़सीर बयान फरमाये?*
*"_ आपके इरशाद फरमाया:- उनकी रक़'त और लताफत अंडे के अंदर के छिलके की तरह होगी जो बाहर वाले (मोटे) छिल्के के साथ होता है,*
*"_ मैंने अरज़ किया:- या रसूलअल्लाह ! आप मुझे अल्लाह तआला के इरशाद ” وعربا اترابا ” के मुताल्लिक बयान फरमाये?*
*"__आपने इरशाद फरमाया:- ये वो औरते होंगी दुनिया में जिनकी आंखें मे बुढापे की वजह से कीचड़ भरा रहता था और सर के बाल सफेद हो गए, अल्लाह ता'आला उनको बुड्ढापे के बाद दोबारा तखलीक़ फ़रमायेंगे और उनको कुंवारियां कर देंगे,*
*"_ इरशाद फरमाया के ۔ عربا का मानी है कि वो (अपने खाविंदों से) इश्क और मुहब्बत करने वालियां होंगी , اتراب एक ही उमर पर होंगी _”*
*हदीस का बाक़ी हिसा अगले भाग मे_____*
[6/12, 8:08 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ जन्नती ख़्वातीन के हुस्न की जमा हदीस-२,*
*___पिछले भाग से जारी___*
*"_ मैंने अर्ज़ किया- क्या दुनिया की औरते अफ़ज़ल होंगी या हुरें?*
*"_इरशाद फरमाया :- दुनिया की औरते हूरों से अफ़ज़ल होंगी जेसे ज़ाहिर का रेशम अस्तर से अफ़ज़ल होता है,"*
*"_ मैंने अर्ज़ किया - या रसूलल्लाह ये क्यूं (अफज़ल होंगी)? इरशाद फरमाया - उनके अल्लाह के लिए नमाज पढ़ने और रोज़े रखने की वजह से, अल्लाह तआला उनके चेहरों को नूर का लिबास पहनाएंगे, उनके जिस्म हैरान कर देने वाले होंगे, गोरे रंग वाली होंगी, सब्ज़ लिबास वाली होंगी, पीले ज़ेवर वाली होंगी, उनकी (खुशबू की) अंगुठियां मोती की होंगी, उनकी कंघियां सोने की होंगी, ये तराना कहेंगी ___"*
*"_ सुन लो! हम हमेशा रहने वाली है कभी नहीं मरेंगी, हम नियामतों में पलने वाली हैं कभी खस्ता हाल न होंगी, सुन लो! हम जन्नत ही मे रहेंगी कभी निकाली न जाएंगी, सुन लो! हम (अपने खाविंदों पर) राज़ी रहने वाली है कभी नाराज़ न होंगी, सा'दात है उसके लिए जिसके लिए हम हैं और वो हमारे लिए हैं,*
*"_ मैंने अर्ज़ किया- या रसूलल्लाह! एक औरत (एक के बाद दीगर) दो खाविंदों से या तीन से या चार से दुनिया में शादी करती हैं और मर जाती हैं, फिर वो जन्नत मैं दाखिल होती है और उसके (दुनिया के) खाविंद भी उसके साथ जन्नत में दाखिल होते हैं, उनमे से उस औरत का खाविंद (जन्नत मे) कौन बनेगा?*
*"__आपने इरशाद फरमाया कि उसको अख्त्यार दिया जाएगा और वो उन खाविंदों मे से ज़्यादा अच्छे अख़लाक़ वाले को मुंतखब करेगी और अर्ज़ करेगी, ऐ रब ! ये शख्स बाकी खाविंदों से ज़्यादा दुनिया में अच्छे अखलाक वाला था आप इससे मेरी शादी कर दें,*
*"_ फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:- ऐ सलमा! हुस्ने अख़लाक़ दुनिया और आखिरत दोनो की खैर साथ लिए हुए हैं,”*
*🗂️ _अल बद्रो साफ़राह, (2013) तबरानी (23/327) मजमा अज़ ज़वाइद ( 7/119, 10/417) हादी अल रवाह (297) तरगीब व तरहीब (4/532)*
[6/13, 7:19 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ हमेशा हुस्न मे इज़ाफ़ा होता रहेगा,*
*"_ हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं:-*
*“_ मुझे उस जा़त की क़सम जिसने क़ुरान पाक को हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नाज़िल फरमाया है जन्नत मे रहने वाले (मर्द व औरत हूर व गुलाम के) हुस्न व जमाल मे इस तरह से इज़ाफा होता रहेगा जिस तरह से उनका दुनिया में (आखिर उमर में) बदसूरती और बुढापे में इज़ाफ़ा होता रहता है _,"*
*🗂️_ इब्ने अबी शैबा (13/114) हुलिया अबू नईम (4/287) सफतुल जन्नत अबू नईम (264)*
*"_ हजरत अब्दुल्ला बिन मसूद रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जन्नती आदमी के पास एक गिलास पेश किया जाएगा जबकी वो अपनी बीवी के पास होगा, जब वो उसे पी कर बीवी की तरफ़ मुतवज्जह होगा तो यह कहेगा तू मेरी निगाह मे अपने हुस्न मे सत्तर गुना बढ़ चुकी है _"*
*(फायदा:- हुस्न का इज़ाफ़ा जन्नत मे हर घड़ी होता रहेगा मर्द के हुस्न मे भी औरत के हुस्न मे भी, जन्नत की हर चीज़ के हुस्न मे इज़ाफे का यही हाल होगा,*
*🗂️_ इब्ने अबी शैबा (13/108) दुर्रे मंसूर (6/155)*
[6/14, 7:17 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ अज़ान की आवाज़ पर हूर का सिंघार,*
*"_ हजरत यज़ीद बिन अबी मरियम सलवाली रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं:- मुझे ये बात पता है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जब मुअज्जिन अज़ान देता है तो आसमान के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं और दुआ को क़ुबूल किया जाता है और हूर बनाव सिंघार करती है _,"*
*⚃➠फायदा:- मतलाब ये है कि अज़ान चूंकी नमाज़ के लिए दी जाती है और लोग उसे सुनकर नमाज़ अदा करने आते हैं इसलिय उनके आमाल के आसमान पर चढ़ने के लिए, आसमान के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं और चूंकि अज़ान के बाद दुआ की क़ुबुलियत का वक़्त होता है इसलिय दुआ माँगने वाले की दुआ भी उस वक़्त क़ुबूल होती है और किसी भी नेक अमल की क़ुबुलियत पर उन हूरों को जो अभी किसी मुसलमान के लिए मख़सूस नहीं होती जेबों ज़ीनत करती हैं कि शायद इस वक़्त अल्लाह तआला हमें अपने किसी नेक बंदे के साथ उसके नेक अमल को क़ुबूल करने की वजह से मंसूब कर दे और जो हूरेन पहले से मुसल्मानो के लिए मखसूस हो चुकी हैं वो अपने ख़ाविंद के नेक आमल करने की खुशी में या ये नेक अमल करने की वजह से दर्जा मे तरक्की होने से बतौर खुशी के या अपने जन्नती शोहर को मज़ीद नेक आमाल की तरगीब दिलाने के लिए अज़ान के वक्त हार सिंघार करती है ( वल्लाहु आलम)_,"*
. *🗂️_ अल बद्रो साफ़राह (2056) सुन्नन सईद बिन मंसूर,*
[6/15, 8:42 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ कु़र्बत की लज़्ज़त जिस्म में सत्तर साल बाकी रहेगी,*
*"_हजरत सईद बिन जुबेर रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जन्नती की शहवत उसके बदन मे सत्तर साल तक ज़ारी रहेगी जिसकी लज़्ज़त को वो महसूस करता होगा, इससे जन्नतियो को जनाबत लाहिक़ नही होगी जिसकी वजह से उनको तहारत की जरूरत पड़े, ना ही ज़ौफ होगा और ना ही कु़व्वत मे कमी होगी बल्की उनकी कुर्बत बतौर लज़्ज़त और नियामत के होगी जिसमे उनको किसी भी किस्म की कोई आफत और दुख ना होगा _"*
*🗂️_ किताबुल तौहीद इब्ने खुज़ेमा (186) ज़ादुल माद (3/677)*
*"_ इमाम इब्ने अबिद दुनिया रह. ने हज़रत सईद बिन जुबेर के मज़कूरा इरशाद को इस तरह नक़ल किया है की जन्नत मे मर्द का क़द 70 मील के बराबर होगा और औरत का 30 मील के बराबर होगा, उस औरत के सुरीन खुश्क ज़मीन की तरह प्यासे होंगे, मर्द की शेहवत औरत के जिस्म मे सत्तर साल तक बाक़ी रहेगी जिसकी उसको लज़्ज़त मेहसूस होगी _"*
*🗂️_ सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया (271)*
[6/16, 7:45 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ दुनियां के मियां बीवी जन्नत मे भी मियां बीवी रहेंगे,*
*⚃➠"_हजरत अबू बकर सिद्दीक रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं मुझे ये बात मालूम हुई है कि जो शख्स किसी औरत से शादी करता है जन्नत मे भी वो औरत उसकी बीवी होगी _,"*
*🗂️_ इब्ने वहब (अल बद्रो साफ़राह ,2061)*
*⚃➠ फायदा:- शर्त ये है कि दोनो हालते इस्लाम पर फौत हुए हों और बीवी ने शोहर के मरने के बाद किसी और मर्द से निकाह ना किया हो,*
*⚃➠ हज़रत इकरामा बयान करते हैं कि सैयदना अबू बकर सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु की साहबज़ादी हज़रत अस्मा हज़रत ज़ुबेर बिन अवाम की बीवी थी, हज़रत ज़ुबेर उन पर सख्ती फरमाते थे, ये अपने वलिद की ख़िदमत में शिकायत ले कर आईं तो आपने उनको तसल्ली देते हुए फरमाया ऐ मेरी बेटी सब्र करो अगर किसी औरत का खाविंद नेक हो फिर वो फौत हो जाए और उसकी बीवी ने उसकी वफात के बाद किसी और शख्स से निकाह ना किया हो तो अल्लाह तआला उन दोनो मियां बीवी को जन्नत मे जमा फरमा देंगे (यानी वो जन्नत मे भी इसी तरह से मियां बीवी रहेंगे उनकी इज़्दवाजी हालत खत्म नहीं करेंगे)_,"*
*🗂️_ तबक़ात इब्ने साद (अल बद्रो साफ़राह, 2062) तज़किरतुल क़ुरतुबी (2/481)*
*⚃➠हज़रत हुज़ेफ़ा रज़ियल्लाहु अन्हु ने भी अपनी बीवी से फरमाया था अगर तुम्हें ये बात पसंद आए कि तू जन्नत मे मेरी बीवी बने और अल्लाह ता'ला हम दोनो को जन्नत मे मिला दे तो मेरे (मरने के) बाद और निकाह ना करना करना क्यूंकी (जन्नत मे) औरत अपने दुनिया के आखिरी खाविंद की बीवी बनेगी _,"*
*🗂️_ तज़किरतुल क़ुरतुबी (1/482)*
[6/17, 9:42 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _ जन्नत के दरख्त बगात और साये_,"*
*⚃➠"_ अल्लाह तआला फरमाते हैं (सूरह वाक़िआ 27-33):-*
*"_(तर्जुमा) और जो दाहिने वाले हैं वो दाहिने वाले कैसे अच्छे हैं, वो उन बागों में होंगे जहां बेखार बेरियां होंगी और तह बा तह होंगे और लंबा लंबा साया होगा और चलता हुआ पानी होगा और कसरत से मेवें होंगे जो ना खत्म होंगे और ना उनकी रोक टोक होगी _,"*
*⚃➠अल्लाह तआला फरमाते हैं (सूरह रहमान - 46-78):-*
*"_(तर्जुमा) _और जो शख्स अपने रब के सामने खड़े होने से (हर वक्त) डरता रहता है उसके लिए (जन्नत में) दो बाग होंगे, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामातों के मुंकिर हो जाओगे, (और वो) दोनो बाग बहुत शाखो वाले होंगे, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामकों के मुंकिर हो जाओगे, उन दोनो बागों में दो चश्मे होंगे कि बहते चले जाएंगे, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामातों के मुंकिर हो जाओगे, उन दोनो बागों में हर मेवे की दो किस्में होंगी, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे _,"*
*"_ वो लोग तकिया लगाये ऐसे फर्शों पर बैठे होंगे जिनके अस्तर दबीज़ (मोटे) रेशम के होंगे और उन बागों का फल बहुत नज़दीक होगा, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे, उनमे नीची निगाह वालियां (यानी हूरेन) होंगी कि उन (जन्नति) लोगों से पहले उन पर ना तो किसी आदमी ने तसर्रुफ किया होगा और ना किसी जिन्न ने, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे, गोया वो याकू़त और मरजान है, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे _,"*
*"_ भला गायत इता'त का बदला बजुज इनायत के और भी कुछ हो सकता है, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे और उन दोनों बागों से कम दर्जे के दो बाग और हैं, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे, वो दो बाग गहरे सर सब्ज़ होंगे, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे, उन दोनो में दो चश्में होंगे कि जोश मारते होंगे, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाएंगे, उन दोनों बागों में मेवे और खजूर और अनार होंगे, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे _,"*
*"_ उनमे ख़ूब सीरत ख़ूबसूरत औरते होंगी (यानी हूरेन) सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे, वो औरतें गोरी रंगत की होगी, (और बगात में) खैमों में महफूज़ होंगी, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे, (और) उन (जन्नति) लोगो से पहले उन (हूरों) पर ना तो किसी आदमी ने तसर्रुफ किया होगा और न किसी जिन्न ने, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे, वो लोग सब्ज़ मुशज्जर और अजीब खूबसूरत कपडो (के फर्शों) पर तकिए लगाए बैठे होंगे, सो ऐ जिन्न व इन्स तुम अपने रब की कौन कौनसी नियामतों के मुन्किर हो जाओगे, बड़ा बा बरकत नाम है आपके रब का जो अज़मत वाला और अहसान वाला है _,"*
[6/18, 7:38 AM] Haqq Ka Daayi Official: *"_ दरख्तो की कुछ मजी़द तफ़सील :-*
*⚃➠हज़रत मुजाहिद रह. फरमाते हैं कि जन्नत की ज़मीन चाँदी की है, उसकी मिट्टी कस्तूरी की है, उसके दरख्तों की जडें सोने और चांदी की है जिनकी टेहनियां लोलो ज़बरजद और याक़ूत की है, पत्ते और फल उनके नीचे लगे होंगे, जो शख्स खड़े हो कर खायेगा तो उसे भी कोई दिक्कत नहीं होगी और जो शख्स बैठ कर खाएगा उसे भी कोई दिक्कत नहीं होगी और जो शख्स उसे लेट कर खाएगा उसे भी कोई दिक्कत ना होगी _,"*
*🗂️_ज़वाइद ज़ुहद इब्ने मुबारक (229) इब्ने अबी शैबा (13/95) दुर्रे मंसूर (6/300) हादी अल रवाह (226) अल बद्रो साफ़राह (1858)*
*"_ जन्नत में दरख्तो की लकड़ियां नहीं होंगी:-*
*"_ हज़रत जरीर बिन अब्दुल्ला रह. फरमाते हैं कि हमारा क़ाफ़िला सफ़ह मुक़म पर उतरा तो वहां एक शख्स दरख़्त के नीचे सो रहा था, सूरज की धूप उस तक पहुंचने ही वाली थी, मैने गुलाम से कहा तुम उसके पास ये चमड़े का फ़र्श ले जाओ और उस पर साया कर दो, चुनांचे वो चला गया और उस पर साया कर दिया_,"*
*"_ जब वो शख्स बेदार हुआ तो वो हज़रत सलमान (फ़ारसी) रज़ियल्लाहु अन्हु थे, चुनांचे मैं उनको सलाम करने के लिए आया तो फ़रमाया -ऐ जरीर! अल्लाह के लिए इंकसारी अख्त्यार करो क्यूंकी जो शख्स अल्लाह के लिए तवाज़ो (इंकसारी) अख्त्यार करता है अल्लाह तआला उसे क़यामत के दिन बड़ी इज्ज़त बख्शेंगे, ऐ जरीर! क्या आपको मालूम है क़यामत के दिन के अंधेरे क्या चीज़ है? मैंने अर्ज़ किया मालूम नहीं, फरमाया- लोगों का आपस में ज़ुल्म करना,*
*"_ फिर उन्होंने एक छोटी सी लकडी उठाई (इतनी छोटी) कि मैं उसे उनकी दो उंगलियों के दर्मियान में देख नहीं पा रहा था, फरमाया - ऐ जरीर! अगर तुम इतनी सी लकदी भी जन्नत में तलब करो तो तुम्हें ये भी ना मिले, मैंने कहा - ए अबू अब्दुल्लाह ! ये खजूर और दरख्त कहां जाएंगे? फरमाया उनकी जड़ें लोलो और सोने की होंगी जिनके ऊपर के हिस्सों में फल लगे होंगे_,"*
*🗂️ _दुर्रे मंसूर - 2/150, हादी अल रवाह - 226, अल बद्रो साफ़राह - 1852, अबू नईम - 1/202,*
[6/19, 8:29 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत की खजूर,*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं जन्नत की खजूर के तने सब्ज़ ज़मर्द के हैं और खजूर के तने की टहनियां सुर्ख सोने की होंगी, उनकी शाखें जन्नतियों के बेहतरीन लिबास होंगे उन्हीं में से उनके छोटे कपड़े और पोशाकें तैयार होंगी, उसके फल मटको और डोल की तरह (बड़े बड़े) होंगे दूध से ज्यादा सफेद, शहद से ज्यादा मीठे, झाग से ज़्यादा नरम, उनमे गुठली नहीं होगी _,"*
*🗂️_तरगीब व तरहीब ( 4/523) सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया (50) हाकिम (6/475)*
*"_ हजरत समराह बिन जुंदुब रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जन्नत में एक तने पर एक दरख़्त क़ाइम है, उसके तने की चोड़ाई बहत्तर साल के (सफ़र के) बराबर है (उससे तुम खुद अंदाज़ा कर लो कि उसकी लंबाई कितनी ज़्यादा होगी) _,"*
*🗂️_ मजमुआ अज़ ज़वाइद (10/414) कंजु़ल उम्माल (39270)*
[6/20, 8:34 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞__सजरा तूबा,*
*"_ हजरत उत्बा बिन अब्द सुल्मी रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि एक देहाती शख्स आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की खिदमत में हाजिर हुआ और आपके हौज़ के मुताल्लिक़ और जन्नत के मुताल्लिक़ सवाल किया, फिर उस देहाती ने सवाल किया- क्या जन्नत में मेवें होंगे ? तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :- "_होंगे और जन्नत मे एक दरख्त होगा जिसको" तूबा " का नाम दिया जाता है," फिर आपने कुछ वज़ाहत फरमाई, मगर मुझे याद नहीं कि वो वज़ाहत क्या थी, तो उस देहाती ने कहा:- हमारी ज़मीन का कौनसा दरख़्त उसके मुशाबा है ?*
*"_आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :- तेरी ज़मीन के किसी दरख़्त से वो कुछ भी मुशाबहत नहीं रखता, नबी करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फ़रमाया- तुम (मुल्क) शाम में गए हो ? उसने अर्ज़ किया - नहीं, तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:- ये शाम के एक दरख्त से मुशाबहत रखता है जिसको नारियल का दरख्त कहा जाता है, ये एक ही तने पर उठता है, उसका ऊपर का हिस्सा फैल जाता है*
*"_ उस (देहाती) ने अर्ज़ किया- उसकी जड़ कितनी मोटी है ? फरमाया :- अगर तुम्हारे रिश्तेदारों का पांच साला (नौजवान) ऊंट (उसके गिर्द) चलता रहे तो उसकी जड़ के गिर्द न घूम सके बल्की (चल चल कर) बुढ़े हो जाने की वजह से उसकी हसली की हड्डी भी टूट जाए _,"*
*🗂️_ अल फतहुल रब्बानी (24/187) इब्ने हिबान (10/251) सफतुल जन्नत इब्ने कसीर (74)*
[6/21, 8:36 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ दरख्त तूबा वाले जन्नती कोन है?,*
*"_हजरत अबू सैयद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि एक शख्स ने आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से अर्ज़ किया :- या रसूलुल्लाह ! उस आदमी के लिए (तूबा) खुशखबरी हो जिसने आपकी जियारत की हो और आप पर ईमान लाया हो"*
*"_ आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:- उस शख़्स के लिए तूबा हो जिसने मेरी ज़ियारत की और मुझ पर ईमान लाया, फ़िर तूबा हो, फ़िर तूबा हो, फ़िर तूबा हो जो मुझ पर ईमान लाया मगर ( मेरे वफ़ात पा जाने की वजह से ) मुझे न देखा हो _,"*
*"_ तो उस शख्स ने अर्ज़ किया :- ये "तूबा" क्या है ?*
*"_ आपने इरशाद फरमाया :- जन्नत मे एक दरख्त है जिसकी मुसाफत सो साल की है, जन्नत वालो के कपडे उसके शगूफों से निकलेंगे _,"*
*🗂️_ फतहुल रब्बानी (24/187) सफतुल जन्नत इब्ने कसीर (75) मुसनद अहमद (3/71) मजमुआ अज़ ज़वाइद ( 10/67)*
[6/22, 10:29 AM] Haqq Ka Daayi Official: *"_ दरख्त तूबा से क्या क्या नियामतें ज़ाहिर होंगी :-*
*⚃➠हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं की जन्नत मे एक दरख्त है जिसे तूबा कहा जाता है, अल्लाह तआला उससे फरमाएंगे, मेरे बंदे के लिए वो जिस नियामत को चाहे फट जा, तो वो जन्नती के लिए घोडे की लगाम, ज़ीन और ख़ूबसूरती के साथ ऐसे फटेगा जेसे वो (बंदा) चाहता होगा और ये दरख़्त जन्नती के लिए एक सवारी को निकालेगा उसका कज़ावा, लगाम और ख़ूबसूरती के साथ जेसे वो जन्नती चाहेगा और कपड़ों को भी (अपने से निकालेगा)_,"*
*📚_सफ़तुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया, (54) ज़ुहद इब्ने मुबारक (265) अल बद्रो साफ़राह (1862)*
*⚃➠ हज़रत मुगीस बिन समी'अ रह. फरमाते हैं- तूबा जन्नत में एक दरख्त है, अगर कोई शख्स लंबी टांगो वाली ऊंटनी या नौजवान ऊंट पर सवार हो फिर उसके गिर्द घूमे तो उस जगह तक नहीं पहूंच सकेगा जहां से रवाना हुआ था हत्ताकी बुढ़ा हो कर मर जाएगा, जन्नत में कोई मंजिल ऐसी नहीं है मगर उस दरख्त की टहनियों में से कोई ना कोई टहनी जन्नतियों पर जरूर लटकी होगी, जब जन्नती फल खाने का इरादा करेंगे तो यह उनके सामने लटक जाएंगी तो वो जितना चाहेंगे उससे खाएंगे _,"*
*"_ फरमाया के (उनके पास) परिंदा भी पेश होगा ये उससे खुश्क गोश्त या भुना हुआ गोश्त जेसे जी चाहेगा खाएंगे फिर (जब ये खा चुकेंगे तो वो ज़िंदा हो कर) उड़ जाएगा _,"*
*🗂️_ सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया -55, मुसन्निफ इब्ने अबी शैबा-15813, जुहद इब्ने मुबारक- 268_,*
[6/23, 7:10 AM] Haqq Ka Daayi Official: *"_ साया तूबा में मिल बैठने के लिए फरिश्ते की दुआ :-*
*"_ हज़रत मालिक बिन दीनार रह. फरमाते हैं कितने भाई ऐसे हैं जो अपने दूसरे भाई को मिलना चाहते हैं मगर उनके सामने मसरूफियत हाइल है, क़रीब है कि अल्लाह तआला उन दोनो को ऐसे घर मे जमा फरमाएगा जहां जुदाई का नामो निशान भी ना होगा _,"*
*"_ फ़िर हज़रत मालिक ने फरमाया और मैं भी अल्लाह तआला से दरखास्त करता हूं ए मेरे भाईयों! कि वो मुझे तुमसे उस घर में तूबा के (दरख़्त के) साये में और इबादत गुज़ारो की आरामगाह में मिला दे जहां कोई जुदाई न होगी _,"*
*🗂️_ सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया -58,*
*"_ (फ़ायदा) :- हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु से मरवी है कि आपने फरमाया हब्शी जुबान में तूबा जन्नत का नाम है _,"*
*🗂️_ सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया -59, तफ़सीर इब्ने जरीर तिबरी -13/99 व इब्ने अबी हातिम कमा फ़ि अल दुर्रे मंसूर -4/59,*
[6/23, 11:02 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ सजरतुल खुल्द,*
*"_हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"__जन्नत मे एक दरख्त है तेज़ तरीन सवार उसके साये में सत्तर साल या तो साल तक सफर कर सकता है, उसका नाम सजरतुल खुल्द (हमेशा रहने वाला जन्नत का दरख्त) है।"*
*🗂️_सफतुल जन्नत इब्ने कसीर (73) मुसनद अहमद (2/455) हादी अल रवाह (222) इब्ने माजा (4335)*
*☞_ दरख़्त सिदरा (बैरी) की लम्बाई,*
*"_ हज़रत अस्मा बिंते हज़रत अबू बकर सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हा से रिवायत है कि मैंने जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सुना कि आपने सिदरतुल मुंतहा का ज़िक़्र किया और फरमाया :-*
*"__बेहतरीन सवार उसकी शाखो के साये तले सो साल तक चलेगा या तो साल तक साए मे बेठेगा उसका फ़र्श सोने का है (और) उसके फल मटको की तरह हैं _,"*
*📚_अल बद्रो सफ़राह (1848) बा-हवाला तिर्मिज़ी बनाम तज़किरतुल क़ुरतुबी (2/450) अबू नईम (3/284)*
*"_ सिदरतुल मुंतहा की तफ़सीर मे हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि ये जन्नत के दरमियान में है, इस पर संदस और इस्तब्रक़ (के रेशम) का स्टॉक रहेगा,*
*📚_मुसनिफ़ इब्ने अबी शैबा (15809) तफ़सीर तिबरी (27/29) दुर्रे मंसूर (6/125)*
[6/25, 6:16 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ सिद्रतुल मुंतहा के फल ,पत्ते और नेहरें ,*
*"_ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जब मुझे (मेराज की शब) सातवे आसमान मे सिद्रतुल मुंतहा की तरफ ले जाया गया तो उसके बैर हजर के मटकों की तरह (बड़े और मोटे) थे और उसके पत्ते हाथी के कानों की तरह थे, उसके तने से दो जा़हिरी नेहरें निकलती हैं और दो बातिनी,*
*"_मैंने पुछा: - ऐ जिब्रील ये (बातिनी और ज़ाहिरी नेहरें) क्या है? फरमाया :- बातिनी तो जन्नत मे है और ज़ाहिरी (नेहरें दुनिया मे) दरिया ए नील और दरिया ए फरात है_,"*
*📚_ तज़किरतुल क़ुरतुबी (2/450) मुस्लिम: अल ईमान बाब सफ़तुल जन्नत (76)*
[6/26, 7:45 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_वो आमल जिनसे जन्नत मैं दरख्त लगते हैं,*
*"_ हजरत जाबिर रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"__जो शख्स (एक मर्तबा) *सुब्हानल्लाहिल अज़ीम"* *"_कहता है तो उसके लिए जन्नत मे एक दरख़्त लग जाता है _,"*
*📚_तिर्मिज़ी (3464) नसाई, हाकिम (1/501) अल बद्रो सफ़राह (1866) मुसनद अहमद (3/440) मजमु अज़ ज़वाइद (7/161)*
*"_ (हदीस हज़रत इब्ने उमर रज़ियल्लाहु अन्हु) जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जो शख्स (एक मर्तबा) "सुब्हानल्लाही वबिहम्दिही"* *"_कहता है तो उसके लिए जन्नत मे एक दरख्त लग जाता है _,"*
*📚मजमुआ अज़ ज़वाइद (10/97) अल बद्रो साफ़राह (1868)*
*"_ हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम एक मर्तबा उनके पास से गुज़रे जबकि ये दरख्त लगा रहे थे तो आपने इरशाद फरमाया :-*
*“__मैं तुम्हें इससे बेहतर शजर कारी का न बतलाऊं? मैंने अर्ज़ किया वो क्या है ? आपने इरशाद फरमाया :-*
*"_सुब्हानल्लाह वलहम्दुलिल्लाह वा लाइलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर*
*"_ मे से हर एक (कलमे) के बदले मे तेरे लिए एक दरख़्त लगाया जाएगा _,"*
*📚 _इब्ने माजा (3807) हाकिम (1/513) अल बद्रो साफ़राह (1869)*
[6/27, 7:18 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत की शजर कारियां,*
*"_ हजरत इब्ने मसूद रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जिस रात मुझे मेराज कराई गई मैंने हजरत (इब्राहिम अलैहिस्सलाम) की ज़ियारत की आपने फरमाया:- ऐ मुहम्मद! आप मेरी तरफ से अपनी उम्मत को सलाम कहना और उनको इत्तेला फरमाना कि जन्नत की ज़मीन बहुत पाकीज़ा है उम्दा पानी वाली है, और हमवार मैदान है और उसकी शजर कारी "सुब्हानाल्लाह और अल्हम्दुलिल्लाह और ला इलाहा इल्लल्लाह और अल्लाहु अकबर " कहना है _,"*
*"_ इमाम तबरानी ने "ला हौवला वला कु़व्वता इल्ला बिल्लाह" का ज़िक्र भी किया है_,*
*📚_ अखराजा तिर्मिज़ी व हसना (3311) तबरानी कबीर (1/512) मुस्लिम*
[6/28, 7:10 AM] Haqq Ka Daayi Official: *खत्मे कुरान पर जन्नत के दरख्त का तोहफा,*
*⚃➠ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_खत्मे क़ुरान के वक़्त दुआ क़ुबूल होती है और (इन'आम मे) जन्नत का एक अज़ीमुश शान दरख़्त अता किया जाता है _",*
*📚_शोबुल ईमान, बह्यकी, अल बद्रो सफ़राह (1877) कंज़ुल उम्माल (3340)*
*⚃➠ हजरत अब्दुल्लाह बिन मसूद रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जिस शख्स ने क़ुरान पाक को देख कर या याद से तिलावत किया तो अल्लाह ताला जन्नत मे उसे एक ऐसा दरख़्त (इन'आम में) अता फ़रमायेंगे कि अगर कोई कौवा उसकी टहनियों को छोड़ कर उड़े तो उसके पत्ते का फासला तैय करने से पहले उस पर बुढ़ापा तारी हो जाए _,"*
*📚_रवाह बिज्जर बनाम तबरानी,मजमौज जवायद (7/165) कंजुल उम्माल (2415) हाकिम (1/552)*
*⚃➠_ ये फ़ज़ीलत हाफ़िज़ क़ुरान और नाज़रा दोनो क़िस्म के लोगो के लिए हैं जो भी क़ुरान पाक ख़त्म करेगा उसे इन'आम में इतना बड़ा दरख़्त अता किया जाएगा, हदीस पाक में कौवे की मिसाल इसलिये दी गई है कि कौव्वा दूसरे परिन्दो की बा निस्बत बड़ी उम्र रखता है, कहा जाता है के एक कौव्वे की उम्र औसतन दो ढ़ाई सो बरस होती है, यहां हदीस में दरख्त की लंबाई मुतय्यन करना मक़सूद नहीं बल्कि उसकी कसीर लंबाई की तरफ इशारा करना मक़सूद है _,"*
*🗂️_ जन्नत के हसीन मनाज़िर -496,*
[7/2, 11:19 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _निफ्ली रोज़े पर जन्नत मे दरख्त ,*
*"_ हज़रत क़ैस बिन ज़ैद रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*“_जिस शख्स ने निफ्ली रोज़ा रखा उसके लिए जन्नत मे एक दरख्त लगा दिया जाता है, उसका फल अनार से छोटा और सेब से बड़ा होगा, उसका ज़ायका उस शहद वाला होगा जिससे मौम को साफ ना किया गया हो और उसकी मिठास शहद वाली होगी, उससे क़यामत के दिन अल्लाह तआला उस रोज़ा रखने वाले को खिलाएंगे _,"*
*📚 _तबरानी कबीर (18/366) मजमुअज़ ज़वाइद (10/181-183) कंजुल उम्माल (24152)*
[7/3, 10:42 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ क़र्ज़ ख़्वाब के लिए जन्नत के दरख़्त,*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जो शख्स अपने मकरूज़ के पास अपना हक़ लेने के लिए रवाना होता है तो उसके लिए ज़मीन के जानवर और पानी की मछलियां रहमत की दुआ करती है और उसके लिए हर कदम के बदले में जन्नत में एक दरख्त उगता है और उसके गुनाह को माफ़ किया जाता है _,"*
*📚बद्रो सफरा (1879) कंजुल उम्माल (15421) मजमुअज़ ज़वाइद (4/139)*
[7/4, 8:07 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत के बागात के फल खाने का वज़ीफ़ा,*
*"_ हज़रत माज़ बिन जबल रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:-*
*"__जो शख्स ये पसंद करता है कि वो जन्नत के बागो से फल खाए तो उसे चाहिये कि वो कसरत से अल्लाह तआला का ज़िक्र करे _,"*
*📚_ अल बद्रो सफ़राह (1880) कंजुल उम्माल (1887) दुर्रे मंसूर (5/205) तफ़सीर क़ुरतुबी (15/288)*
[7/5, 8:35 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत के पहाड़*
*"_हजरत उमर औफ रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:-*
*"_(दुनिया के) चार पहाड़ जन्नत के पहाड़ो में से हैं और (दुनिया की) चार नेहरें जन्नत की नेहरों मे से हैं, और (दुनिया की) चार जंगे जन्नत की जंगों में से हैं _,"*
*"_ अर्ज़ किया गया कौनसे पहाड़ (जन्नत में से) हैं?*
*"_इरशाद फरमाया :-*
*"_ 1-उहद पहाड़, ये हम से मुहब्बत करता है और हम इससे मुहब्बत करते हैं,*
*"_2- कोहे तूर जन्नत के पहाड़ में से एक पहाड़ है,*
*"_3- कोहे लबनान जन्नत के पहाड़ो में से एक पहाड़ है,*
*"_4- जबले जोदी जन्नत के पहाड़ो में से एक पहाड़ है,*
*"_ और (जन्नत की) नेहरें :- दरिया ए नील, दरिया ए फरात, दरिया ए सीहोन, और दरिया ए जीहोन है,और जंगो में से जंगे बदर, जंग उहद, जंगे खंदक और जंगे खैबर हैं,*
*📚_ तज़किरतुल क़ुरतुबी, 2/446*
[7/7, 6:19 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _ जन्नत की नेहरें_,*
*⚃➠ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :- बहिश्त है कि चलती होंगी उनके नीचे से नेहरें _," (सूरह अल बक़रा -25)*
*⚃➠ अल्लाह ताला का इरशाद है: उस (जन्नत) मे बहुत सी नेहरें तो ऐसे पानी की हैं जिसमे ज़रा तगय्यूर नहीं होगा (न बू मे ना रंग मे ना मज़े मे) और बहुत सी नेहरें दूध की है जिनका ज़ायका ज़रा बदला हुआ ना होगा, बहुत सी नेहरें शराब (तहूर) की है कि पीने वालों को बहुत लज़ीज़ मालूम होगी, और बहुत सी नेहरें शहद की है (मेल कुचेल से पाक) साफ होंगी और उनके लिए वहां हर क़िस्म के फल होंगे और मग्फिरत होगी उनके रब की तरह से _," (सूरह मुहम्मद : 15 )*
. *📚_बयानुल क़ुरआन,*
[7/7, 10:52 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _नेहरों के फूटने की जगह _,*
*"_ हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जन्नत की नेहर में मुश्क (कस्तूरी) के पहाड़ से फूटती हैं_,"*
*📚_अल बद्रो सफ़राह - 1911, हादी अल रवाह-241 सफ़तुल जन्नत अबू नईम-306,*
*"_ हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जन्नत मे 100 दरजात है जिनको अल्लाह ता'आला ने मुजाहिदीन फी सबिल्लाह के लिए तैयार फरमाया है, हर दो दर्जो के दरमियान आसमान व ज़मीन के फासलो जितना फासला है, पस जब तुम अल्लाह ता'आला से सवाल करो तो उससे जन्नतुल फिरदौस मांगा करो क्यूंकी ये जन्नत के दरमियान मे (बुलंद हिस्सा) है और सबसे आला दर्जे की जन्नत है, इससे ऊपर अल्लाह ता'आला का अर्श है, उसी से जन्नत की नेहरें फूटती है _,"*
*📚_हादी अल रवाह-239, सहीह अल बुखारी-2790, सफतुल जन्नत अबू नईम-300,*
*"_ हजरत अबू मूसा अशरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जन्नत की नेहरें जन्नते अदन से निकल कर गढ़े मे पढ़ती है फिर बाद में नेहरों की शक्ल अख्त्यार करती है _,"*
*📚_अल बद्रो सफ़राह- 1912, हादी अल रवाह-241 सफ़तुल जन्नत अबू नईम ,3/166, दुर्रे मंसूर-1/38*
[7/9, 7:12 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ हर महल मे 4 नेहरें_,*
*"_ इब्ने अब्दुल हकीम रह. फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नत के महलात मे से हर महल मे चार नेहरें चलती होंगी, एक नेहर पानी की चलती होगी, एक नेहर शराब की चलती होगी, एक नेहर दूध की चलती होगी और एक नेहर शहद की चलती होगी और उनसे उस वक्त तक नहीं पिया जाएगा जब तक कि उनमे उन चश्मों को ना मिलाया जाएगा जिनका अल्लाह तआला ने (कुरान करीम में) ज़िक्र फरमाया है (यानी) तसनीम और ज़ंजबील और सलसबील और काफूर और ये (चारो) वो चश्में है जिनको खालिस तौर पर (बैगर मिलावट के) सिर्फ मुक़र्रिबान ए खुदावंदी ही नोश करेंगे _,"*
*📚_वसफुल फिरदौस -26 (70)*
*☞_ दुनिया की चार नेहरें जन्नत से निकलती हैं,*
*"_ हज़रत अनस बिन मालिक रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ मेरे सामने सिदरतुल मुंतहा को (सातों आसमान पर) पेश किया गया तो (मैंने देखा कि उससे) चार नेहरें निकल रही थी दो ज़ाहिर मे और दो बातिन मे, ज़ाहिर की दो तो (नेहर) नील और (नेहर) फरात है और दो बातिन की जन्नत की नेहरें हैं _,"*
*📚_सहीह अल बुखारी- 5610, सफतुल जन्नाह अबू नईम-302, मुस्लिम-164,*
[7/10, 6:27 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ नेहर ए कौसर_,*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं-*
*إِنَّا َعْطَيْنَاكَ الْكَوْثَرَ*
*"_हमने आपको कौसर अता फरमायी, (सूरह अल-कौसर, आयत 1)*
*"_ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*“_ मैं एक दफा जन्नत की सैर कर रहा था कि एक नहर पर जिसके दोनो किनारो पर खोलदार लो लो के कुब्बे थे, मैने पूछा -ए जिब्राईल ये क्या है? उन्होन अर्ज़ किया ये कौसर (नहर) है आपके रब ने आपको अता फरमाई है,*
*"_ हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि फिर एक फरिश्ते ने अपना हाथ (नहर) पर मारा तो उसकी मिट्टी खालिस कस्तूरी की (नजर आ रही) थी_,"*
*📚_बुखारी-6581, हादी अल रवाह-239, तरगीब व तरहीब-4/517, मुसनद अहमद-3/207, कंजुल उम्माल-39133*
*"_ हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_कौसर जन्नत मे एक नहर है, उसके दोनों किनारे सोने के हैं, उसके चलने का रास्ता गोहर और याकू़त है, उसकी मिट्टी कस्तूरी से ज़्यादा पाकीज़ा है, उसका पानी समंदर से ज़्यादा मीठा और बर्फ से ज़्यादा सफेद है _,"*
*📚_ तिर्मिज़ी -3361, मुस्तद्रक- 3/543, इब्ने माजा -4334, वसफुल फिरदौस -65*
[7/12, 6:38 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ हौज ए कौसर_,*
*"_ हजरत अनस बिन मालिक रजियल्लाहु अन्हु बयान करते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_मेरा हौज सना से उर्दून तक तवील है, इसका पानी दूध से बहुत ज़्यादा सफेद है और शहद से बहुत ज्यादा शीरी है और झाग से बहुत ज्यादा नर्म है, इसके किनारे जोहर और याकूत के टुकड़ों के हैं' और इसके कंकर लो लो के हैं, इसकी खाक खालिस कस्तूरी की है, इसके सितारो की तादाद में प्याले हैं, जो शख्स इससे एक बार पियेगा फिर वो कभी प्यासा ना होगा _,"*
*📚_वसफुल फिरदौस ,(67)-24,*
*"_ हजरत अनस बिन मालिक रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया :-*
*“__क्या तुम्हें मालूम है कि कौसर क्या चीज़ है? हमने अर्ज़ किया -अल्लाह और उसके रसूल बेहतर जाते हैं, (आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया):-*
*"_ये एक नहर है मेरे परवरदिगार ने मुझे इसके अता करने का वादा फरमाया है, इसमे उन्हत्तर दर्जे की खैर है, क़यामत के दिन मेरी उम्मत इसके पास आएगी (और इसके हौज कौसर से पानी नोश करेगी) इसके बर्तन सितारों की तादाद के बराबर है_,"*
*📚_सफातुल जन्नाह अबू नईम -325, इब्ने अबी शैबा -11/437_438, अबू दाउद-784,*
[7/12, 9:16 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ नेहर ए बेदख_,*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जन्नत मे एक नहर है, जिसका नाम बेदख है, उस पर याक़ूत के क़ुब्बे हैं जिनके नीचे लड़कियां उगती है और ख़ूबसूरत आवाज़ में क़ुरान पढ़ती हैं _,*
*"__ जन्नती आपस में कहेंगे हमारे साथ बेदख की तरफ चलो, चुनांचे वो आएंगे और लड़कियों से मुसाफे करेंगे, जब कोई लड़की किसी मर्द को पसंद आएगी तो वो उसकी कलाई को छू लेगा तो वह लड़की उसके पीछे चल पड़ेगी और उसकी जगह दूसरी लड़की उग आएगी _,"*
*📚 सफतुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया -69, सफतुल जन्नत अबू नईम -324, हादी अल रवाह -243, अल बद्रो सफ़राह -1922, मुसनद अहमद -3/135*
*"_ शमर बिन अतिया फरमाते है कि जन्नत मे कुछ नेहरें ऐसी है जो लडकियां उगाती हैं, ये लडकियां मुख्तलिफ आवाजों मे अल्लाह जल शानहू की हमदो सना करती है कि वेसी ख़ूबसूरत आवाज़ कानो ने कभी नहीं सुनी,*
*"__ वो कहती हैं __हम हमेशा रहने वाली हैं कभी नहीं मरेंगी हम लिबास पहनने वाली हैं कभी बे-लिबास न होंगी, हम हमेशा नियामतों मे पलने वालियां हैं कभी भूखी न होंगी, और हम हमेशा नियामतों मे रहने वालियां हैं कभी रंज व तकलीफ मे ना जाएंगी _,"*
*📚_ सफतुल जन्नाह अबू नईम-323*
┅┅━━═۞═━━┅
*☞ नेहर ए हरवल_,*
*⚃➠"_ हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नत मे एक नेहर है जिसका नाम हरवल है उसके दोनो किनारो पर दरख्त उगे हैं, जब जन्नती सिमा की ख्वाहिश करेंगे हमारे साथ हरदिल की तरफ चलो ताकी हम दरख्तों से (खूबसूरत और दिलकाश आवाज़) सुने, चुनांचे वो ऐसी (ख़ूबसूरत) आवाजों मे बोलेंगे कि अगर अल्लाह तआला ने जन्नतियो के ना मरने का फैसला ना किया होता तो उन आवाज़ों के शोक़ और तर्ब मे मर जाते_,"*
*➠"_ पस जब उन ख़ूबसूरत आवाजों को (दरख़्तो पर लगी हुई) लड़कियां सुनेंगी तो वो अरबी जुबान में (निहायत ख़ूबसूरत अंदाज़ और आवाज़ मे) अरबी जुबान में (कुछ) पढ़ेंगी तो अल्लाह ता'ला के वली उनके क़रीब जाएंगे और हर एक उन लड़कियों में से जिसको पसंद करेगा तोड़ लेगा फिर अल्लाह ताला उन लड़कियों की जगह वेसी ही और लड़कियां (उस दरख्त को) लगा देगा _,"*
*📚_सफतुल जन्नह अबू नईम-3/163,*
•┄┄┅┅━━═۞═━━┅┅┄┄•
☞_शराब की नहर_,*
*"_ हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया ::-*
*"_ जिस शख्स को यह बात अच्छी लगे कि अल्लाह ता'ला उसको आखिरत (जन्नत) मे शराब (तहूर) पिलाये तो उसको चाहिये कि वो उसको (शराब को) दुनिया मे छोड़ दे (न पिये)_,"*
*📚_निहाया इब्ने कसीर -2/362, मजमुअज़ ज़वायद- 5/76 बा-हवाला तबरानी, तज़किरतुल क़ुरतुबी -2/448 बा-हवाला नसाई, तरगीब व तरहीब -3/262,100*
*⚃➠फायदा__ जो शख्स दुनिया में शराब पीने के बाद उससे तौबा कर ले तो वो शख्स इस धमकी से मुस्तशना होगा _,"*
*📚_तज़किरतुल क़ुरतुबी, 2/449*
[7/16, 5:47 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ नेहरे बारिक़_व नेहरे रय्यान,*
*"_ हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ शोहदा हज़रात जन्नत के दरवाज़े पर सब्ज़ क़ुब्बे मे एक नेहर बारिक़ है उसमे रहते हैं उनकी तरफ जन्नत से सुबह व शाम रिज़्क़ पहुंचता है _,"*
*📚_मुसनद अहमद- 1/266, मजमुअज़ ज़वाइद- 5/294 -298, तबरानी -10/405, दुर्रे मंसूर-2/96, कंजुल उम्माल-11099, तरगीब व तरहीब -2/323,*
*"_ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जन्नत मे एक नेहर है जिसका नाम" रय्यान "है, उस एक शहर मरजान से तामीर किया गया है जिसके सत्तर हज़ार सोने चांदी के दरवाज़े हैं और ये हाफ़िज़े कुरान के लिए हैं।"*
*📚अल बद्रो सफ़राह-1925, कंजुल उम्माल -1/550*
[7/17, 7:02 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ जन्नत के बराबर तवील नहर_, और नहरे रज्जब*
*"_ अबू सालेह कहते हैं कि हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं, जन्नत मे जन्नत की लम्बाई के बराबर एक नहर है, जिसके दोनो किनारों पर कुँवारी लड़कियां दूसरी के आमने सामने खड़ी हैं और जिनकी खूबसूरत आवाज़ को मखलूक़ात सुनती है, उनसे ज़्यादा हसीन आवाज़ मे नगमा सराई करती है हत्ताकी जन्नती जन्नत मे ऐसी लज़्ज़त और ना पायेंगे _,"*
*"_ मैने पुछा - ऐ अबू हुरैरा! ये किस चीज़ की नगमा सराई करेंगी ? तो उन्होंने फरमाया- इंशा अल्लाह तस्बीह और हम्द और तक़दीस और अल्लाह ताला की सना करेंगी _,"*
*🗂️_ दुर्रे मंसूर -1/38, अल- बा'स व अल -नुशूर -425*
*"_ रज्जब के महीने को रज्जब इसलिय कहते हैं कि जन्नत मे एक नहर है जिसका नाम नहरे रज्जब है, उस नहर से वही हज़रात पियेंगे जो माहे रज्जब में रोज़े रखा करते थे _,"*
*📚कंजुल मदफून,140*
[7/18, 6:31 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ अर्श के चार चश्मे_,*
*"_ हज़रत हसन बसरी रह. फरमाते हैं के जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"__ जन्नत मे चार चश्में (ऐसे) है के उनमे से दो चश्मे तो अर्श के नीचे से फूटते हैं, एक का जिक्र तो अल्लाह ताला ने "तफजीर" फरमाया है और दूसरा चश्मा ज़ंजबील है, और दो चश्मे अर्श के ऊपर से फूटते हैं उनमे से एक तो वो है जिसका ज़िक्र अल्लाह तआला ने सलसबील के साथ किया है और दूसरा चश्मा तस्नीम है _,"*
*📚_अल बद्रो सफ़राह- 1932*
*⚃➠चश्मा तफ़जीर:- इब्ने शोएब रह. फरमाते हैं कि जन्नतियों के पास सोने की लाठियां होंगी उनके साथ इशारा कर के उस चश्मे को बहाएंगे और वो चश्मा उन लाठियों के इशारे पर उसी तरफ को बहता होगा_,"*
*📚_अल बद्रो सफ़राह -1931,*
*⚃➠चश्मा तस्नीम:- हज़रत अता रह. फरमाते हैं कि तस्नीम वो चश्मा है जिसमे शराब की मिलावट की जाएगी_,"*
*📚_अल बद्रो सफ़राह- 1927*
[7/19, 6:04 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ जोश मारने वाले और लगतार बहने वाले चश्मे_,*
*"_ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि ये दोनो (जोश मारने वाले अयनान नजा़ खतान) चश्मे जन्नतियों के महल्लात पर मुशक व अंबर की फुवारे डालेंगे, जिस तरह से दुनिया वालों के घरों पर बारिश की फुहार पड़ती है_,"*
*📚_ हादी अल रवाह-237, तरगीब व तरहीब, 4-519*
*"_ और मुख्तलिफ़ क़िस्मो के मेवे भी बरसेंगे,"*
*"_ हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि ये दोनो (जोश मारने वाले अयनान नज़ा ख़तान) चश्मे पानी की फुवार डालेंगे,"*
*📚_अल बद्रो सफ़राह- 1929-1930*
*"_अल्लाह ताला इरशाद फरमाते हैं- ( सूरह रहमान-50) -" उन दोनो बागो मे दो चश्मे होंगे जो बहते चले जाएंगे_" इसकी तफसीर मे हज़रत बरा'अ बिन आज़िब रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि ये दोनो चश्में अयनान नज़ा ख़तान से अफज़ल है_,"*
*📚_अल बद्रो सफ़राह- 128*
[7/20, 6:40 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _ जन्नत के जानवर और सवारियां_,*
*"_ हजरत अबू मस'ऊद अंसारी रजियल्लाहु फरमाते हैं कि एक शख्स मुहार वाली ऊंटनी ले कर हाज़िर हुआ और अर्ज़ किया ये अल्लाह के रास्ते मैं है, तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_तेरे लिए क़यामत के दिन सात सो (700) ऊंटनियां होंगी (और) सबकी सब मुहार वाली होंगी,"*
*📚_ तज़किरतुल क़ुरतुबी- 2/486, बहकी -9/118, मिश्कात-3799, दुरे मंसूर-1/336*
*"_ हजरत इब्ने उमर रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं के जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ बकरियां जन्नत के जानवर है,"*
*📚_इब्ने माजा-2306, अल बद्रो सफ़राह-2129*
*"_ हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:-*
*"_ बकरी से हुस्ने सुलूक करो और उससे अज़ियत को दूर करो क्यूंकी ये जन्नत के जानवरों में से है,"*
*📚_ अल बद्रो सफ़राह- 2130, तज़किरतुल कुर्तुबी-2/488*
*"_ हजरत इब्ने उमर रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_बकरीयों को (अपने पास) रखा करो क्यूंकी ये जन्नत के जानवारो में से है,"*
*📚तबरानी, अल बद्रो सफ्राह-2132, कंजुल उम्माल-35226, मजमुअज़ ज़वाइद-4/67*
[7/21, 6:38 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत मे जाने वाले दुनिया के जानवर_,*
*"_ इब्ने नजीम रह. फरमाते हैं कि जानवरों में से पांच जानवर जन्नत मे जाएंगे:-*
*1- असहाबे कहफ का कुत्ता,*
*2- हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम का दुम्बा,*
*3- हज़रत सालेह अलैहिस्सलाम की ऊँटनी,*
*4- हज़रत उज़ेर अलैहिस्सलाम का गधा और,*
*5- जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बुर्राक़,*
*🗂️ इब्ने नजीम -4/131 बा-हवाला मुस्तरीफ,*
*"_ हजरत क़तादा रह. के हवाले से पांच जानवरों का मजीद ज़िक्र किया है :-*
*6- हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की ऊंटनी मुबारक,*
*7- हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की गाय,*
*8- हज़रत यूनुस अलैहिस्सलाम की मछली,*
*9- हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम की चींटी,*
*10- हज़रत बिलक़ीस का हुदहुद,*
*🗂️_ मिश्कातुल अनवार*
*"_ और अल्लामा सैवती ने दीवानुल हाफिज़ मे हज़रत याक़ूब अलैहिस्सलाम के भेड़िये का भी ज़िक्र किया है और अल्लामा सैवती के शगिर्द अल्लामा दाऊदी रह. ने बा-हवाला सैवती रह. हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दुलदुल खच्चर का भी जिक्र किया है कि वो भी जन्नत में जायेगा,*
*"_ और मिश्कातुल अनवार शरह शरतुल इस्लाम मे है कि ये सब जानवर दुंबा की शक्ल मे जन्नत मे दाखिल होंगे,*
. *🗂️_ शरह अल शिबाह,*
[7/22, 6:18 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _बख्ती ऊंट के बराबर बड़े बड़े परिंदे,*
*"_ अल्लाह ताला का इरशाद है :- (सूरह अल-वक़िया, 21):-*
*وَلَحْمِ َيْرٍ مِّمَّا يَشْتَهُونَ*
*"_और परिन्दो का गोश्त होगा जो उनको मरगूब होगा_,"*
*"_ हजरत हुजैफा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :- जन्नत मे बख्ती ऊंट के बराबर (बड़े बड़े) परिंदे होंगे_,"*
*"_ हज़रत अबू बकर रज़ियल्लाहु अन्हु ने अर्ज़ किया:- या रसूलुल्लाह! फिर से वो (जन्नत मे) बड़े ऐश व निशात मे रहेगा? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :- इससे ज़्यादा ऐश व निशात में वो शख्स होगा जो उसे खाएगा और ए अबू बकर! आप भी उन लोगो मे से हैं जो उसे खाएंगे _”*
*🗂️_अल बद्रो सफ़राह- 2124, सफ़तुल जन्नह अबू नईम, मुस्तद्रक हाकिम, इब्ने अबी शीबा, मजमुअज़ ज़वायद,*
*"_ हजरत हसन (बसरी) रह. फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नत मे बख्ती उंट के बराबर परिंदे होंगे जब वो जन्नती के पास आएंगे तो जन्नती उसे खाएंगे फिर वो परिंदा उस हालत मे उड़ जाएंगे गोया कि उससे कुछ भी कम नहीं हुआ_"*
*🗂️_ किताबुज़ ज़ुहद-118 ज़ुहद इब्ने मुबारक-525 अल बद्रो सफ़राह-2126,*
[7/23, 9:02 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ जन्नतियो की पहली मेहमानी - ,*
*"_हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :- ज़मीन क़यामत के दिन रोटी की शक्ल मे होगी जिसको गरम करने के लिए गरम रेत पर रख दिया जाएगा, अल्लाह तआला उसको अपने हाथ में इस तरह से उलट पुलट करेंगे जिस तरह से तुममें कोई एक अपनी रोटी को सफर में उलट पुलट करता है, यही (जन्नत मे) जन्नत वालो की (सबसे पहली) मेहमानी होगी ………उनका सालन बलाम और नोन का होगा,*
*"_ सहाबा किराम रजियल्लाहु अन्हुम ने अर्ज़ किया ये क्या चीज़ है? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया, .. और मछली होगी, (और ये इतने बड़े होंगे कि) उस मछली और .. के जिगर का अलग लटकने वाला टुकड़ा सत्तर हज़ार जन्नती खायेंगे _,"*
*🗂️_ ( मफ़हूम हदीस) मुस्लिम मुख्तसर, बुखारी, तज़किरतुल कुर्तुबी,*
*"_ हजरत तारिक बिन शहाब रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि यहूदी जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ख़िदमत मे हाजिर हुए और कहा, आप हमें ये बतायें कि जन्नती जन्नत मे दाखिल होंगे तो सबसे पहले क्या खाएंगे ? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया, वो सबसे पहले मछली का जिगर खायेंगे_"*
*🗂️_ मजमुअज़ जवाइद- 10/413 तबरानी ,*
*"_ हजरत का'ब रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जब जन्नती जन्नत मे दाखिल होंगे तो उनको अल्लाह तआला फरमायेंगे, हर मेहमान के लिए कुछ तोहफा होता है, मैं भी आपको आज तोहफा दूंगा और फिर ... और मछली को पेश किया जाएगा और जन्नत वालो के लिए उनको ज़िबह कर (के खिला) दिया जाएगा _,"*
*🗂️ ( मफ़हूम हदीस) ज़वाइद जुहद इब्ने मुबारक-432, हादी अल रवाह-211*
[7/24, 8:48 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ परिन्दो की चरगाहें और चश्मा,*
*"_ हजरत अबू दर्दा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नत मे बख्ती ऊंट की तरह उंचे उंचे परिंदे होंगे जो अल्लाह के वली के सामने आ कर बेठेंगे, उनमे से एक कहेगा- ए अल्लाह के वली! मैं अर्श के नीचे खूबसूरत जन्नत मे चरता रहा हूं और तसनीम के चश्मे से पीता रहा हूं आप मुझसे तनावुल फरमाये,*
*"__फिर वली अल्लाह के सामने (अपनी) तारीफ करने में लगा रहेगा हत्ताकी जन्नती के दिल मे उन परिन्दो में से किसी एक के खाने का इरादा होगा तो वो परिंदा उस जन्नती के सामने मुख्तलिफ ज़ायक़ों के साथ गिर पड़ेगा और वो उससे अपनी तलब के मुताबिक खाएंगे और जब सैर होगा तो परिंदे की हड्डियां जमा हो जाएंगी और वो उड़ कर जन्नत मे जहां चाहेगा चरना शुरू हो जाएगा,*
*"__हज़रत उमर रज़ियल्लाहु अन्हु ने अर्ज़ किया- या नबी अल्लाह! ये परिंदा तो बड़े मज़े मे होगा?*
*"_ आपने इरशाद फरमाया- उस परिंदे को तनावुल करना इससे भी ज़्यादा ऐश व निशात रखता है _,"*
*🗂️_ तज़किरा फ़ी अहवाल अल मौत व उमूर अखिरत- 2/485, सफ़तुल जन्नत अबू नईम-342, अहमद -3/220- 221, तिर्मिज़ी -2542*
[7/25, 7:31 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ खाना पीना और क़ज़ा ए हाज़त,*
*⚃➠"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं:-(सूरह अल- मुर्सलात, आयत 41:42: 43):-*
*➠(तर्जुमा)_, परहेजगार लोग सायो मे और चश्मों मे और मरगूब मेवों मे होंगे (और उनसे कहा जाएगा) अपने (नेक) आमाल के सिले मे खूब मज़े से खाओ पियो, हम नेक लोगों को ऐसा ही सिला दिया करते हैं _,"*
*⚃➠अल्लाह तआला मजीद इरशाद फरमाते हैं :-(सूरह हाक़का़:-19 से 24 )*
*"__(तर्जुमा) फिर जिस शख्स का आमाल नामा उसके दाहिने हाथ में दिया जाएगा तो (खुशी के मारे आस पास वालो से) कहेगा कि मेरा आमाल नामा पढ़ लो, मेरा (तो पहले ही से) ऐतका़द था कि मुझे मेरा हिसाब पेश आने वाला है, गर्ज़ वो शख्स पसंदीदा ऐश (यानी) बहिश्त मे होगा, जिसके मेवे (इस क़दर) झुके होंगे (कि जिस हालत मे चाहेंगे ले सकेंगे और हुक्म होगा कि) खाओ पियो मज़े के साथ उन आमाल के सिले मे जो तुमने बा उम्मीद गुज़िश्ता दिनो (यानी दुनिया की ज़िंदगी मे) मे किये हैं_,"*
[7/26, 6:16 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ खाना और क़ज़ा ए हाज़त,*
*"_ हज़रत ज़ैद बिन अरक़म रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि एक यहूदी जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ख़िदमत ए अक़दस मे हाज़िर हुआ और पुछा, ए अबू कासिम (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) आपका ख्याल है कि जन्नती खाएंगे भी और पियेंगे भी ?*
*"_आपके इरशाद फरमाया :- मुझे उस ज़ात की क़सम है जिसके कब्ज़े में मेरी जान है, जन्नतियो मे से हर शख्स को खाने, पीने, जिमा और ख़्वाहिश मे एक सौ (100) आदमियों की ताक़त अता की जाएगी।*
*"_ उसने अर्ज़ किया, फिर जो शख़्स खाता और पीता है उसको हाज़त भी होती है?*
*"_ आपके इरशाद फरमाया :- उनकी (क़ज़ा ए) हाज़त एक क़िस्म का पसीना होगा जो उनकी जिल्दो से बह जाएगा कस्तूरी की खुशबू की तरह, जब ये (पसीना) निकल जाएगा तो उसका पेट सिकुड़ जाएगा _,"*
*🗂️_ मुसनद अहमद-4/371 -372, इब्ने अबी शैबा- 13/ 108, तरगीब व तरहीब- 4/524,*
*"_ इब्ने अब्दुल हकम रज़ियल्लाहु अन्हु.से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जन्नत वालो मे से एक शख्स लुकमा ले कर अपने मुंह मे डालेगा फिर अपने दिल मे किसी और खाने का ख्याल करेगा तो वो लुकमा उस खाने मे तब्दील हो जाएगा जिसकी उसने तमन्ना की होगी _,"*
*🗂️_ वसफुल फिरदौस, 80*
┅┅━━═۞═━━┅
*☞_ अदना जन्नती का खाना _,*
*⚃➠"_हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नतियों मे अदना दर्जे में वो शख्स होगा जिसके सात दरजात होंगे ये छठे (6) दर्जे मे होगा, इससे ऊपर सातवां दर्जा होगा, इसके तीन सौ खुद्दाम होंगे, इसके सामने रोज़ाना सुबह और शाम का खाना तीन सौ बड़े प्यालों मे पेश किया जाएगा _,"*
*➠"_रावी कहते हैं कि मुझे मालूम नहीं मगर उसने यही कहा था कि वो (प्याले) सोने के होंगे, हर प्याले मे ऐसे क़िस्म का खाना होगा जो दूसरे मे ना होगा, और ये जन्नती उसके पहले खाने से भी वेसे ही लज़्ज़त पाएगा जैसा कि आखिरी से पायेगा और पीने की चीजों के भी तीन सौ बरतन होंगे, हर बरतन में ऐसा शरबत और पानी होगा जो दूसरे मे ना होगा और वो उसके पहले बरतन से भी वेसे ही लुत्फ अंदोज़ होगा जेसे कि आखिरी से होगा, बल्कि ये (तमन्ना करते हुए) कहता होगा या रब! अगर आप मुझे इजाज़त देते तो मैं तमाम जन्नत वालो को खिलाता पिलाता और जो कुछ मेरे पास है उससे कुछ भी कम ना होता_,"*
*🗂️_ वसफुल फिरदौस ,79* ,*
▉
[7/28, 6:33 AM] Haqq Ka Daayi Official: *"_ एक दस्तरख्वान पर सोने के सत्तर हज़ार प्याले :-*
*"_ हजरत काब रजियाअल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जन्नतियो में से हर एक के पास दस्तर ख़्वान पर सोने के सत्तर हज़ार बड़े प्याले होंगे _,"*
*🗂️_ वसफुल फिरदौस ,81*
*"_ डकार और पसीना क्यूं आएगा?*
*"_ हजरत हसन रह. से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जन्नतियो का डकार मुश्क की खुशबू की तरह होगा, ये कज़ा ए हाजत के क़ायम मुक़ाम होगा और उनका पसीना मुश्क की खुशबू की तरह होगा और ये पेशाब के क़ायम मुक़ाम होगा_,"*
*🗂️_ वसफुल फिरदौस ,86*
[7/29, 6:15 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ पीने की लज्ज़तो की तफ़सील_,*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :-*
*"_ नेक लोग बड़ी आसा'इश मे होंगे, मसहरियो पर (बेठे बहिश्त के अजाइबात) देखते होंगे, ए मुखातिब! तू उनके चेहरों में आसा'इश की बशाशत पहचानेगा और उनको पीने के लिए शराब खालिस जिस पर मुश्क की मोहर लगी होगी मिलेगी और हिर्स करने वालो को ऐसी ही चीज़ की हिर्स करना चाहिए,*
*"__ (कि हिर्स के लायक़ यही है, चाहे शाराब मुराद ली जाए चाहे जन्नत की मुकम्मल नियामतें, यानि शोक व रगबत की चीज़ ये नियामतें हैं न कि दुनिया की नाकिस और फानी लज्ज़ते और उनके हासिल करने का तरीक़ा नेक आमाल हैं, पस उनमे कोशिश करना चाहिए)*
*"__और उस शाराब की आमज़िश (मिलावत) तस्नीम के पानी से होगी (अरब अमुमन शराब मे पानी मिला कर पीते थे तो उस शराब की आमज़िश के लिए तसनीम का पानी होगा, तसनीम की शरह ये है कि ) एक ऐसा चश्मा है जिससे मुक़र्रब लोग पानी पियेंगे,*
*"_ (यानी मुक़र्रब हज़रात को तस्नीम का ख़ालिस पानी मिलेगा और नेक लोगो को इसका पानी दूसरी शराब में मिला कर मिलेगा और ये मुहर लगाना इकराम और ऐज़ाज़ की अलामत है वर्ना वहां ऐसी हिफ़ाज़त की ज़रूरत नहीं होगी और मुश्क की मुहर का मतलब यह है कि जेसे क़ायदा है कि लाख वगेरा लगा कर उस पर मुहर लगाते हैं, वहां शराब के बर्तन के मुंह पर मुश्क लगा कर उस पर मुहर कर दी जाएगी),*
*🗂️_ तफ़सीर बयानुल क़ुरआन- सूरह अल मुतफ्फ़ीन, आयत 24 से 28 _*
[7/30, 6:31 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ लज्ज़ते शराब की इंतेहा,*
*"_अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :-*
*"_ (तर्जुमा) वहां (जन्नत मे) आपस मे (बतौर खुश तबई के) जामे शराब मे छीना झपटी भी करेंगे कि उसमे (शराब मे) न बक बक लगेगी (क्यूंकी नशा न होगा) और ना कोई और बात (अक़ल व संजीदगी के खिलाफ) होगी _," ( सूरः तूर -23,)*
*"_ जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ आगर अल्लाह तआला जन्नतियों के लिए ये फैसला ना फरमाते कि वो आपस में जाम की छीना झपटी करेंगे तो वो लज़्ज़त की वजह से उस जाम को कभी अपने मुंह से जुदा ना करते,_"*
*🗂️_ वसफुल फिरदौस ,(71) 26,*
[7/31, 7:11 AM] Haqq Ka Daayi Official: *"_शराब की छागल व बर्तन*
*"_ हजरत अबू उमामा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जन्नतियों मे से हर शख्स जन्नत की शराब में से जब भी किसी पीने की चीजों की ख्वाहिश करेगा उसके पास छागल पेश हो जाएगी और उसके हाथ में आ मोजूद होगी चुनांचे उससे पिएगा फिर वो अपनी जगह लौट जाएगी _,"*
*🗂️_ इब्ने अबिद दुनिया सफतुल जन्नत -132, अल बद्रो सफ़राह-1941, तरगीब व तरहीब -4/524*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि अगर तुम दुनिया की चांदी से कुछ ले कर उसे इतना बारीक करो कि उसको मक्खी के पर की तरह कर दो तब भी उसके पीछे से तुम्हें पानी नजर नहीं आएगा लेकिन जन्नत के शीशे चांदी की तरह सफ़ेद होंगे और शीशे की तरह साफ होंगे _,"*
*🗂️_ सफ़तुल जन्नत इब्ने अबिद दुनिया -139, तफ़सीर इब्ने जरीर -13/30*
[8/1, 6:15 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ दुनिया मे प्यासे को पानी पिलाने का अज्र और जन्नत मे शराब से महरूम कौन रहेगा?,*
*"_ हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:-*
*"_ जो मोमिन किसी मोमिन को प्यास की हालत मे एक घूंट पानी का पिलाएगा, अल्लाह ताला उसे क़यामत के दिन रहीक़ मख्तूम से पिलाएंगे _,"*
*🗂️_ मुसनद अहमद-3/14, तिर्मिज़ी -2449,*
*"_ हजरत इब्ने उमर रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जिस शख्स ने दुनिया में शराब पी और उससे तौबा ना की तो उसके लिए आखिरत मे शराब हराम होगी (यानी उसे जन्नत मे शराब ए तहूर से महरूम रखा जाएगा _,"*
*🗂️_बुखारी-10/30 -फतहुल बारी, मुस्लिम- अल अशरबा -73-78, मुसनद अहमद- 2/19*
[8/2, 6:09 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ जन्नत के फल -1*
*⚃➠"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं _(तर्जुमा- सूरह बक़रा :25) ,:-"_जब कभी ये लोग उन बहिश्तो मे किसी फल की गिज़ा दिए जाएंगे तो कहेंगे (हर बार) ये तो वही है जो हमको इससे पहले मिला था और उनको (दोनो बार का फल) मिलता जुलता मिलेगा _,"*
*⚃➠"(तर्जुमा- सूरह वक़िया:- 32- 33)_ और कसरत से मेवे होंगे जो ना खत्म होंगे (जेसे दुनिया के मेवे फसल तमाम होने से खत्म हो जाते हैं) और न रोक टोक होगी (जेसे दुनिया मे बाग वाले उसकी रोक थाम करते हैं)*
*⚃➠"_ (तर्जुमा-सूरह अर रहमान : 68 ):- उन दोनों बागों में मेवे और खजूर और अनार होंगे _,"*
*⚃➠(तर्जुमा- सूरह मुहम्मद :15) "और उनके लिए वहां हर क़िस्म के फल होंगे_,"*
[8/3, 6:46 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ जन्नत का अंगूर_व खोशा,*
*"_ हज़रत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ मेरे सामने जन्नत पेश की गई तो मैं उससे एक गुच्छा तोडने गया ताकी तुम्हे दिखाऊं लेकिन मेरे और उसके दर्मियान रुकावट हाइल कर दी गई,*
*"_तो एक सहाबी ने अर्ज़ किया:- या रसूलुल्लाह! आप हमें मिसाल से वजा़हत करें कि (जन्नत का) अंगूर कितना बड़ा होगा?*
*"__आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:- उस डोल से बड़ा होगा जिसको तेरी मां ने (बकरी वगेरा की खाल से) कभी काट कर तैयार किया हो _,"*
*🗂️_ अबू या'ला बा-सनद हसन (2/380) तरगीब व तरहीब (4/522) मजमुअज़ ज़वाइद (10/414) अल बद्रो सफ़राह (1887)*
*"_ हजरत इब्ने मसूद रजियल्लाहु अन्हु मुल्के शाम में तशरीफ फरमा थे तो (आपके) साथियो ने जन्नत का बाहमी तज़किरा किया तो आपने फरमाया: - जन्नत के खोशों मे से एक खोसा यहाँ (मुलके शाम) से लेकर खैफा (मदीना के क़रीब एक जगह) या सन'आ जितना लंबा है _,"*
*🗂️इब्ने अबिद दुनिया (46) अल बद्रो सफ़राह (1888) तरगीब व तरहीब (4/522)*
*"_ सलातुल कुसूफ की हदीस में हज़रत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु रिवायत करते हैं कि सहाबा किराम ने अर्ज़ किया:- या रसूलुल्लाह! हमने आपको यहां इस जगह पर किसी चीज़ को उठाते हुए देखा है मगर फिर हमने देखा के आप पीछे हो गए हैं?*
*"_ तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया :- मैंने जन्नत को देखा है और उसके एक खोशे को पकड़ा है अगर मैं उसे तोड़ लेता तो जब तक दुनिया क़ायम रहती तुम उससे खाते रहते _,"*
*🗂️_ बुखारी सलातुल कुसूफ- 2/540, मुस्लिम (907)*
[8/4, 8:34 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत के अनार_,*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जन्नत के अनारों में से एक अनार के गिर्द बहुत से हज़रात बेठ कर उसे तनावुल करेंगे, जब उनमे से किसी के सामने किसी चीज़ का ज़िक्र छिड़ेगा जिसकी उसको चाहत होगी तो वो उसको अपने हाथ मे मोजूद पाएगा जहां से वो खा रहा होगा _,"*
*🗂️ इब्ने आबिद दुनिया सफतुल जन्नत -122, अल बद्रो सफ़राह-1890 दुरे मंसूर -6/150*
*"_ हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_मैंने जन्नत मे देखा तो उसके अनारों से एक अनार पलान कसे हुए ऊंट की तरह (मोटा) था,"*
*🗂️ इब्ने अबी हातिम, बद्रो सफ़राह (1891) दुर्रे मंसूर (6/150)*
[8/5, 6:18 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत के मेवे क़यामत मे कौन खाएंगे?,*
*"_ हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"__जो मोमिन किसी मोमिन को भूख की हालत में खाना खिलाए अल्लाह तआला उसे क़यामत के दिन जन्नत के मेवों से खिलाएंगे,*
*"_ और जो मुसलमान किसी मुसलमान को प्यास की हालत मे पानी पिलाये अल्लाह तआला उसे रहीक़ मखतूम से पिलाएंगे,*
*"_ और जो मोमिन किसी मोमिन को जब उसके पास कपड़ा नहीं था कपड़ा पहनाएगा अल्लाह तआला उसे जन्नत का सब्ज़ लिबास पहनाएंगे _,"*
*🗂️_ तिर्मिज़ी-2449, बद्रो सफ़राह-1896, मुसनद अहमद- 3/14, अबू दाउद- 1682*
[8/5, 10:17 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _ जन्नत का बाज़ार- मर्द व औरत के हुस्नो जमाल में इज़ाफ़ा_,*
*"_ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*“_ जन्नत मे एक बाज़ार होगा जिसमे कस्तूरी के टीले होंगे हर जुमा को जन्नती वहां जाएंगे और शुमाल की हवा चलेगी जो उनके चेहरों और मलबुसात पर पड़ेगी तो वो लोग हुस्नो जमाल मे बढ़ जाएंगे और अपने घर वालों की तरफ इस हालत मे लोटेंगे कि उनका हुस्न व जमाल बहुत बढ़ चुका होगा,*
*"_ उनकी बिवियां उनसे कहेंगी क़सम खुदा ? हमारे बाद आप हज़रात हुस्नो जमाल में ख़ूब बढ़ गए हो,*
*"_ तो वो कहेंगे और तुम भी तो अल्लाह की क़सम! हमारे बाद हुस्नो जमाल में बढ़ चुकी हो_,"*
*🗂️_ मुस्लिम अल जन्नत:- 2833, अल बद्रो सफ़राह- 2134, मुसनद अहमद- 3/284,*
[8/7, 6:15 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नती अपनी शक्ल बदल सकंगे*
*"_ हजरत अली रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नत मे एक बाज़ार है जिसमे कोई खरीद फारोख्त ना होगी बल्की मर्दो और औरतों की शक्लें होंगी, जब कोई मर्द किसी शक्ल को पसंद करेगा तो वो उसमे दाखिल हो जाएगा, (और उस मर्द की वेसी ही शक्ल हो जाएगी),*
*"_ और वहीं पर हूरेन की महफिले होंगी जो ऐसी उंची और खूबसूरत आवाज़ मे नगमा सराई करेंगी कि वेसी नगमा सरा'ई मखलूका़त ने ना सुनी होगी,*
*"_ वो कहेंगी:- हम हमेशा ज़िंदा रहेंगी कभी फना ना होंगी, हम नियामतों मे पलने वाली हैं कभी खस्ता हाल ना होंगी, हम राज़ी रहने वाली हैं (अपने खाविंदों पर कभी) नाराज़ ना होंगी, खुश खबरी और मुबारक हो उसको जो हमारा खाविंद है और हम उसकी बिवियां हैं_,"*
*🗂️_ तिर्मिज़ी -4/686,696, इब्ने अबी शैबा -13/100, अल बद्रो सफ़राह -2136, वसफुल फिरदौस - 172*
[8/7, 6:35 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ बाजार का समान_,*
*⚃➠"_अब्दुल्ला बिन अब्दुल हकम रह. बयान करते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नत मे एक बाज़ार है जिसमे कोई खरीद फारोख्त ना होगी, उसमे पोशाके होंगी, मोटा रेशम होगा, बारीक रेशम होगा, सादा रेशम होगा, बिछोने होंगे, उम्दा फर्श होंगे, जोहर होंगे, याक़ूत होंगे, लटके हुए ताज होंगे_,"*
*⚃➠ जन्नती हज़रात उनमे से जिस चीज़ का दिल चाहेगा ले लेंगे, मगर फ़िर भी उस बाज़ार में कमी वाक़े ना होगी,*
*⚃➠ उस बाज़ार में सूरतें होंगी जेसा कि मर्दों की खूबसूरत सूरतें हो सकती हैं, उनमे से हर सूरत के सीने पर ये लिखा होगा "जो शख्स ये तमन्ना करे कि उसका हुस्न मेरी सूरत जेसा हो अल्लाह तआला उसकी सूरत को मेरे हुस्न के मुताबिक़ बना देंगे, जो शख्स तमन्ना करता हो कि उसके चेहरे का हुस्न मेरी सूरत के मुताबिक़ हो अल्लाह तआला उसकी सूरत को मेरे हुस्न के मुताबिक कर देंगे,*
*⚃➠ चुनांचे जो शख्स तमन्ना करेगा उसके चेहरे का हुस्न उस सूरत की मिस्ल हो जाए तो अल्लाह तआला उसको उस सूरत के मुताबिक़ कर देंगे,*
. *🗂️_ वसफुल फिरदौस -177*
[8/9, 7:05 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_अल्लाह तआला का दीदार*
*⚃➠ हज़रत सुहेब रूमी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_जब जन्नती जन्नत मे दाखिल हो चुके होंगे तो अल्लाह ताला उनसे इरशाद फरमायेंगे कोई और नियामत चाहते हो तो मैं तुम्हें अता करू?*
*"__तो वो अर्ज़ करेंगे क्या आपने हमारे चेहरे बा-रोनक नहीं फरमाये ? क्या आपने हमें जन्नत में दाखिल नहीं किया और (क्या) दोज़ख से हमें निजात नहीं बख्शी_,"*
*"_ हुज़ूर अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि फिर अल्लाह तआला पर्दा हटाएंगे तो जन्नत वालों को कोई ऐसी नियामत नहीं दी गई जो उनको अल्लाह तआला के दीदार से ज़्यादा महबूब होगी _,"*
*"_ फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ये आयत तिलावत फरमाई (तर्जुमा) - वो लोग जिन्होने नेक आमाल किए उनके लिए जन्नत है और इससे ज़ाइद (अल्लाह तआला की ज़ियारत) है_,"*
*🗂️ मुस्लिम -181, अल बद्रो सफ़राह -2204, हादी अल रवाह- 382, मुसनद अहमद- 6/15-16*
*"_ अल्लामा कुरतुबी फरमाते हैं कि मजकूरा हदीस में पर्दा हटाने का मानी ये है कि आंखों के सामने के वो हिजाब दूर कर दिए जाएंगे जो अल्लाह ता'आला की जियारत से रुकावत बन रहे होंगे हत्ताकी वो अल्लाह ता'आला शांहू को उसके नूरे अज़मत व जलाल समेत ज़ियारत कर सकंगे, ये पर्दा मखलूक़ का अपना होगा न के अल्लाह ताला के सामने होगा _,"*
*🗂️_ तज़किरतुल क़ुरतुबी – 2/492, बद्रो सफ़राह-2204*
[8/10, 6:47 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नतियो को अल्लाह का सलाम,*
*"_ हजरत जाबिर रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*“_जन्नती हज़रात अपनी नियामातों मे मज़े ले रहे होंगे कि अचानक उन पर एक नूर चमकेगा और वो अपना सर उठाएंगे तो अल्लाह तबारक वा त'आला को देखेंगे कि उसने ऊपर से उन पर झाँका होगा, अल्लाह ता'आला फरमायेंगे- "अस्सलामु अलैकुम या अहलाल जन्नाह" (ए जन्नत वालो अस्सलामु अलैकुम),*
*"_ इसी के मुताल्लिक अल्लाह तआला का ये इरशाद है ( सूरह यासीन) :- उनको परवरदिगार मेहरबान की तरफ से सलाम फरमाया जाएगा_,"*
*"_ हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि अल्लाह तआला उनकी तरह देखेंगे और वो अल्लाह तआला की तरह देखेंगे और जब तक अल्लाह तआला की तरफ देखते रहेंगे जन्नत की किसी भी नियामत की तरफ मुतवज्जह नहीं होंगे हत्ताकी अल्लाह त'आला उनसे पर्दे मे चले जाएंगे, लेकिन अल्लाह तआला का नूर और बरकत (का असर) उन पर उनके महल्लात मे बाक़ी रहेगा (और अल्लाह सुबहानहू वा तआला का ज़ाहिर होना और झाँक कर देखना मकान और हुलूल से पाक है),*
*🗂️_ इब्ने माजा -184, इब्ने अबिद दुनिया -97, अल बद्रो सफ़राह- 2229, सफ़तुल जन्नत अबू नईम -91, तफ़सीर इब्ने कसीर -6/570, मजमा अज़ ज़वाइद -7/98*
[8/11, 6:32 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम की ख़ूबसूरत आवाज़, ज़ियारते ख़ुदावंदी और माइदतुल खुल्द,*
*"_ हज़रत अली रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं (कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया):-*
*"_जब जन्नती जन्नत मे सकुनत अख्त्यार कर लेंगे तो उनके पास एक फरिश्ता आ कर कहेगा अल्लाह तआला आप हज़रात को हुक्म दे रहे हैं कि तुम लोग उसकी ज़ियारत करो, जब सब हज़रात ज़ियारत के लिए जमा हो जाएंगे तो अल्लाह त'आला हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम को हुक्म फरमायेंगे कि वो बुलंद आवाज़ से तस्बीह व तहलील अदा करे, फ़िर माइदतुल खुल्द को बिछाया जाएगा,*
*"_ सहाबा किराम ने अर्ज़ किया - या रसूलअल्लाह ! माइदतुल खुल्द क्या है?*
*"_ आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया - इसके ज़ावियों में से एक ज़विया (किनारा) मशरिक व मगरिब के दरमियानी हिस्से भी ज़्यादा वसी होगा ये जन्नती उससे खाएंगे फिर पियेंगे फिर लिबास पहनेंगे फिर कहेंगे अब कोई बात बाक़ी नहीं सिर्फ अल्लाह जल शानहू के रुखे जे़बा की ज़ियारत ही रह गई है,*
*"_ उस वक्त अल्लाह तआला उनके सामने तजल्ली फरमायेंगे तो जन्नती सजदे मे गिर पडेंगे, मगर उनसे कहा जाएगा तुम अमल करने की जगह नहीं रहते हो बल्कि इनाम व इकराम की जगह रह रहे हो (इसलिये सजदे से सर उठा लो और जन्नत की नियमतों मे मसरूर रहो),*
*🗂️_ सफ़तुल जन्नत अबू नईम आबहानी -397 (3/237) बद्रो सफ़राह-2247, तरगीब व तरहीब -4/545 _546,*
*⚃➠फायदा:-तसबीह अल्लाह तआला की पाकी बयान करने को कहते हैं, जबकी तहलील "ला इलाहा इल्लल्लाह" कहने को कहते हैं,*
[8/11, 8:35 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ रोज़ाना दो दफा अल्लाह तआला की ज़ियारत _,*
*"_ इमाम अम्श रह. फरमाते है कि जन्नत मे सबसे आला दर्जे पर वो लोग फाइज़ होंगे जो अल्लाह तआला को सुबह शाम देखा करेंगे _,"*
*🗂️ बह्की, अल बद्रो सफ़राह (2264)*
*☞_ कौनसा मुसलमान ज़ियारत से मेहरून होगा ?,*
*"_ हज़रत यज़ीद बिन मालिक व मुशफ़ी रह. फरमाते हैं कि कोई बंदा ऐसा नहीं जो अल्लाह तआला पर और क़यामत पर ईमान रखता हो मगर वो क़यामत के दिन अपनी आँखों से अल्लाह तआला की ज़ियारत करेगा, वहां वो आलिम ज़ियारत नहीं कर सकेगा जो ज़ुल्म का हुक्म करता हो क्योंकि उसके लिए हलाल नहीं होगा कि वो अल्लाह ताला की ज़ियारत कर सके बल्की वो अंधा होगा _,"*
*🗂️_ अल बद्रो सफ़राह (2225),*
[8/12, 7:56 PM] Haqq Ka Daayi Official: *"_ रियाकार भी ज़ियारत से मेहरूम:-*
*"_अल्लाज ताला (सूरह कहफ की आखिरी आयत मे) इरशाद फरमाते हैं-" जो शख्स अल्लाह ताला से मुलाक़ात (और ज़ियारत) की उम्मीद रखता है, उसको चाहिये कि वो नेक अमल करे और अपने रब की इबादत में किसी को शरीक़ ना करे _,"*
*"_ इस आयत के मुताल्लिक हज़रत अब्दुल्लाह बिन मुबारक रह. से सवाल किया गया तो आपने फरमाया कि जो शख्स अपने खालिक़ के रुखे अनवर की ज़ियारत करना चाहता है उसे चाहिए कि वो नेक अमल करे और इसकी किसी को खबर न करे ( यानी रियाकारी ना करे)_,"*
*🗂️_अब्दुल्ला बिन मुबारक, अल बद्रो सफ़राह (2268) हादी अल रवाह-414*
[8/13, 9:15 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_अल्लाह तआला जन्नतियो को क़ुरान सुनाएंगे_,*
*"_ हजरत अब्दुल्ला बिन बुरैदा फरमाते हैं कि (आला दजे के) जन्नती जन्नत मे रोज़ाना दो मर्तबा अल्लाह जब्बार के हुजूर ए ज़ियारत करेंगे और अल्लाह ताला उनके सामने क़ुरान ए पाक पढ़ कर सुनाए़गे और कुरान सुनने वालो मे से हर जन्नती अपनी इस मजलिस पर रोनके अफ़रोज़ होगा,*
*"_ जहां वो बेठा करता होगा गोहर, याकू़त, ज़बर जद, सोने और जमुर्द के मिम्बरों पर अपने आमाल के दरजात के मुताबिक़ बेठेंगे_,"*
*"_और इस क़िरात से उनकी आंखे ठंडी होगी और इससे बढ़ कर कोई अज़मत वाली और हसीन चीज़ नहीं सुनेंगे, इसके बाद वो अपनी सवारियों पर बेठ कर अपनी मसरूर आंखों के साथ ऐसी ही कल तक के लिए आएंगे_"*
*🗂️_सफ़तुल जन्नत अबू नईम असबहानी (270) हादी अल रवाह-328, हकीम तिर्मिज़ी -156*
[8/14, 5:28 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_अल्लाह तआला की रज़ा और खुशनूदी,*
*"_अल्लाह तबारक व तआला इरशाद फरमाते हैं (सूरह - तौबा/74):-*
*“_अल्लाह तआला ने मुसलमान मर्दो और मुसलमान औरतों से ऐसे बागात का वादा किया है जिनके नीचे नेहरे चलती होंगी, जिनमे वो हमेशा रहेंगे और नफीस मकानों का जो कि उन हमेशगी के बागात मे होंगे और अल्लाह त'आला की रज़ा मंदी सबसे बड़ी चीज है, ये बड़ी कामयाबी है _,"*
*"_ हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:-*
*"_अल्लाह तआला जन्नत वालों से फरमायेंगे, ऐ जन्नत वालो! तो वो अर्ज़ करेंगे- लबबेक वा सा'देक (हम हाज़िर है और सा'दात आप ही की तरफ से है), अल्लाह तआला पुछेंगे- क्या तुम राज़ी हो गए ? वो अर्ज़ करेंगे - हमें क्या है हम किस वजह से राज़ी ना हो जबकी आपने हमें इतना अता फरमाया है कि अपनी मखलूक़ मे से इतना किसी को अता नहीं किया ?*
*"_ तो (अल्लाह तआला) फरमायेंगे - क्या मैं आप हज़रात को इससे भी अफ़ज़ल नियामत अता ना करूं? वो अर्ज़ करेंगे - ऐ हमारे रब कौनसी नियामत इससे अफ़ज़ल बाक़ी रह गई है ? तो अल्लाह तआला फरमायेंगे - मैंने तुम्हारे लिए रज़ा निछावर की अब इस्के बाद मैं कभी भी आप हज़रात पर नाराज़ नहीं होऊंगा_,"*
*🗂️_ जुहद इब्ने मुबारक (2/129) मुसनद अहमद (3/88) बुखारी (11/415, फतहुल बारी) मुस्लिम शरीफ, तिर्मिज़ी,*
[8/15, 5:26 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नतियों की जन्नतियों से और दोज़खियों की दोज़खियों से मुलाक़ाते_,*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं (तर्जुमा ):-*
*"_ फिर (जब सब लोग एक जलसे मे जमा होंगे तो) एक दूसरे की तरफ मुतवज्जह होकर बात चीत करेंगे (इस बात चीत के दौरान) उन (अहले जन्नत) मे से एक कहने वाला (अहले मजलिस से) कहेगा कि (दुनिया में) मेरा एक मुलाका़ती था वो (मुझसे बतौर ताज्जुब) कहा करता था कि क्या तू (मरने के बाद दोबारा जी उठने के) मानने वालो मे से है? क्या जब हम मर जाएंगे और मिट्टी और हड्डियां हो जाएंगे तो क्या हम (दोबारा जिंदा किये जाएंगे और जिंदा कर के) जजा़ और सज़ा दिए जाएंगे ? (यानी वो आखिरत का मुनकीर था, इसलिये जरूर दोज़ख मे गया होगा, अल्लाह ताला का) इरशाद होगा कि - (ए जन्नत वालो) क्या तुम झाँक कर (उसको) देखना चाहते हो? (अगर चाहो तो तुमको इजाज़त है)_,"*
*"_ सो वो शख़्स (जिसने क़िस्सा बयान किया था) झांकेगा तो उसको जहन्नम के दर्मियान मे (पड़ा हुआ) देखेगा (उसको वहां देख कर उससे) कहेगा कि खुदा की क़सम तू तो मुझे को तबाह ही करने को था (यानी मुझे भी आखिरत का मुंकिर बनाने की कोशिश किया करता था) और अगर मेरे रब का (मुझ पर) फ़ज़ल न होता (कि मुझे उसने सही अकी़दे पर क़ायम रखा) तो मैं भी (तेरी तरह) अज़ाब मै भी (तेरी तरह) गिरफ़्तार लोगो मे होता,*
*(और उसके बाद जन्नती अहले मजलिस से कहेगा कि) क्या हम बजुज़ पहली बार मर चुकने के (कि दुनिया मे मर चुके हैं) अब नहीं मरेंगे और ना हमको अजा़ब होगा,*
*"_ (ये सारी बातें उस जोश व मसर्रत मे कही जाएंगी कि अल्लाह ताला ने सब आफात और तकलीफों से बचा लिया और हमेशा के लिए बेफिक्र कर दिया, आगे अल्लाह तआला का इरशाद है कि जन्नत की जितनी जिस्मानी और रूहानी नियामतें ऊपर की आयत मे बयान की गई हैं) ये बेशक बड़ी कामयाबी है, ऐसी ही कामयाबी (हासिल करने) के लिए अमल करने वालों को अमल करना चाहिए (यानी ईमान लाना और इता'त करना चाहिए) _,"*
*🗂️_ तफ़सीर बयानुल क़ुरान - सूरह साफफात -50 से 61 ,*
[8/17, 6:26 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ ज़ियारत की सवारियां,*
*"_ हजरत अबू अय्यूब अंसारी रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नती हज़रात याक़ूत की तरह की ख़ूबसूरत सफ़ेद सवारियों पर बेठ कर एक दूसरे की ज़ियारत को जाएंगे, जबकि जन्नत मे ऊंट और परिंदे (या घोड़े) के अलावा कोई जानवर नहीं होगा,"*
*🗂️ सफतुल जन्नत इब्ने आबिद दुनिया-248, मजमुअज़ जवायद-10/412 -413, तबरानी-2198 कंजुल उम्माल-39324*
*"_ हजरत बुरैदा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि एक शख्स ने अर्ज़ किया - या रसूलुल्लाह ! क्या जन्नत मे घोड़ा भी होगा?*
*"_आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया - अगर अल्लाह तआला तुम्हें जन्नत मे दाखिल फरमायेंगे तो जब चाहेगा कि याकूत अहमर के घोड़े पर सवार हो और वो तुमे जन्नत मे उड़ाता फिरे तो तू सवार (होकर जन्नत की इस तरह सैर कर सकेगा)_,"*
*"_ एक और सहाबी ने अर्ज़ किया- या रसूलुल्लाह! क्या जन्नत मे ऊंट होगा ?*
*"_आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उसे वेसा जवाब ना दिया जेसा कि पहले सहाबी को दिया था बल्की फरमाया अगर आपको अल्लाह त'आला जन्नत मे दाखिल फरमायेंगे तो आपके लिए जन्नत मे वो सब कुछ होगा जिसका तुम्हारा दिल चाहेगा और तुम्हारी आंखों को लज़्ज़त मिलेगी _,"*
*🗂️_जुहद इब्ने मुबारक- 2/177, इब्ने जरीर (तफ़सीर -58/65) मुसनद अहमद- 5/352, अल बद्रो सफ़राह- 2120, तिर्मिज़ी -2546*
[8/18, 6:18 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नती हज़रात ए उल्मा किराम के जन्नत मे भी मोहताज होंगे,*
*"_ हजरत जाबिर बिन अब्दुल्लाह रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नत वाले जन्नत मे भी उल्मा किराम के मोहताज होंगे और वो इस तरह से कि जन्नती हर जुमा अल्लाह ताला की जियारत से मुशर्रफ होंगे, अल्लाह तआला उनसे फरमायेंगे- तुम जो चाहो तमन्ना करो, उस वक़्त ये उल्मा किराम की तरफ मुतवज्जह होंगे और पूछेंगे कि हम अपने रब के सामने किस चीज़ की तमन्ना करे ?*
*"_ तो वो (उलमा किराम) बताएंगे कि तुम इस तरह की तमन्ना करो, चुनांचे ये हज़रात जन्नत मे उल्मा किराम के इसी तरह से मोहताज होंगे जिस तरह से ये उन दुनिया मे मोहताज हैं _,"*
*🗂️_ मुसनद अल फिरदौस -880, लिसानुल मिज़ान -5/ 55, अल बद्रो सफ़राह - 2190*
[8/18, 7:03 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नतियो की ज़ुबान अरबी होगी*
*"_ हजरत अनस बिन मालिक रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ जन्नती हज़रात जन्नत मे हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के तवील क़द के बराबर अल्लाह जल शानहू के हाथ के हिसाब से साठ हाथ के होंगे, हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के हुस्न पर होंगे और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की 33 साल की उम्र होगी और हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की जुबान (अरबी) पर होंगे, ना तो जिस्म पर बाल होंगे ना ढाडी होगी, आंखो में सुरमा लगाये होंगे _,"*
*🗂️ अहमद -5/243, तिर्मिज़ी-2545, सफ़तुल जन्नत इब्ने आबिद दुनिया -215, हादी अल रवाह- 476, अल बद्रो सफ़राह,*
*⚃➠फायदा:-अल्लाह तआला का हाथ उसकी शान के ऐतबार से है, उसे किसी मखसूस हाथ से तस्बीह नहीं दी जा सकती, अगर हाथ से अल्लाह ता'आला की क़ुदरत मुराद ली जाये तो कुछ ब'ईद नहीं ,( फ़िर मानी ये होगा कि अल्लाह तआला अपनी क़ुदरत से जितना क़द मुनासिब समझेंगे उनको अता फरमायेंगे),*
*"_ इमाम ज़हरी रह .फरमाते है कि अहले जन्नत की जुबान अरबी होगी _,*
*"_ हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु से भी ऐसे ही मनकू़ल है,*
*🗂️_ सफतुल जन्नत इब्ने आबिद दुनिया ,(213-214)*
[8/19, 3:59 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _औलादे मोमिनीन अपने वालदेन के साथ होगी,*
*"_ हजरत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि अल्लाह तआला मुसलमान आदमी की औलाद का दर्जा बुलंद कर (के उनको आ'ला दर्जे के जन्नती आदमी के दर्जे तक) पहूँचा देंगे अगरचे वो अमल मे उस जन्नती से कम होंगे, ताकी उसकी आँखों को ठंडा कर दे,*
*"_ फिर हज़रत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हु ने यह आयत तिलावत फरमाई, (सूरह अत-तूर, आयत- 21, तर्जुमा )"_ जो लोग ईमान लाए और उनकी औलाद ने भी ईमान में उनका साथ दिया (उन आबा मोमिन के इकराम और उन्हें खुश करने के लिए) हम उनकी औलाद को भी (दर्जे में) उनके साथ शामिल कर देंगे और (इस शामिल करने के लिए) हम उन (अहले जन्नत) के अमल मे से कोई चीज़ कम नहीं करेंगे_,"*
*"_ यानी ये ना करेंगे कि उन जन्नतियों के बाज़ आमाल ले कर उनकी जुर्रियत को दे कर दोनो को बराबर कर देंगे,*
*🗂️_ अल बद्रो सफ़राह- 1714,*
[8/20, 8:32 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ औलादे मुशरिकीन अहले जन्नत की खादिम होगी*
*"_ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु फरमाते है कि मैने जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मुशरिकीन की (नाबालिग) औलाद के मुताल्लिक सवाल किया कि उनके गुनाह तो नहीं होंगे (क्यूंकि वो नाबालिग होने की वजह से शरियत के मुकल्लिफ नहीं हुए थे) इसलिए उनको सज़ा तो नहीं दी जाएगी कि उन्हें दोज़ख में दाखिल किया जाए और उनकी नेकियां भी नहीं होगी कि उनको जन्नत का मालिक बनाया जाए (लिहाज़ा वो कहां जाएंगे ?) तो जनाबे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया वो अहले जन्नत के खादिम होंगे _,"*
*🗂️_ तज़किरतुल क़ुरतुबी -2/516,*
*"_ हजरत अनस रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_मैने अपने रब से औलादे मुशरिकीन को तलब किया तो अल्लाह तआला ने उनको मुझे अहले जन्नत के खिदमतगार बना कर अता फरमाया क्यूंकी वो शिर्क तक नहीं पहुंचे थे जिस तरह से उनके वालदेन पहुंचे हैं ……… (वल्लाहु आलम)"*
*🗂️_ कंजुल उम्माल-39305, 39306,*
[8/21, 8:30 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ मोमिनीन की औलाद की परवरिश कौन कर रहे हैं,*
*⚃➠"_हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ मोमिनीन की औलाद की जन्नत मे हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम किफ़ालत (और परवरिश) कर रहे हैं _,"*
*🗂️ सहीह इब्ने हिबान (अल अहसन/7403) मुस्तद्रक हाकिम (2/370) मुसनद अहमद ( 2/326) मजमुअज़ ज़वाइद (7/219)_*
*⚃➠फायदा:- हज़रत माखूल मुर्सला रिवायत करते हैं कि मुसलमानों के बच्चे जन्नत के दरख़्त पर सब्ज़ चिड़ियों की शक्ल मैं है और उनके अब्बा हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलम उनकी किफ़ालत करते हैं _,"*
*🗂️ मुअज्जम सगीर तबरानी (कंजुल उम्माल -39308)*
*⚃➠हजरत सुलेमान रजियल्लाहु अन्हु से मोकू़फ रिवायत है कि मोमिनीन के बच्चे जन्नत के एक पहाड़ में है हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और (उनकी अहलिया) हज़रत साराह उनकी किफ़ालत करते हैं_,"*
*🗂️_कंजुल उम्माल (39310) बा हवाला तबरानी सगीर,*
[8/22, 6:20 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ हम शुरू ही से जन्नत मे क्यों नहीं पैदा किए गए?_,*
*"_ हम शूरु ही से जन्नत मे क्यूं पैदा नहीं किये गये है इस सवाल के हजराते उल्मा किराम ने तीन जवाब दिए हैं:-*
*"_ 1- नियामत की अज़मत को पहचानना ज़रूरी है, अगर हम दुनिया में पैदा ना किए जाते तो इन नियामतों की क़द्र व मंज़िलत से वाक़िफ़ ना होते,*
*"_ 2- ताकी हम अंजामे कार जन्नत मे जजा़ ए आला के हक़दार बन सकें और ज़वाल से महफूज़ हो जाएं,*
*"_ 3– ताकी अहले जन्नत को इज़्ज़त की तिजारत हासिल हो ना कि सवाल करने की ज़िल्लत (और इज्ज़त की तिजारत यह है कि हम दुनिया में शरियत के मुताबिक अल्लाह तआला को राज़ी करें और उससे इस इत्तेबा के बदले में आखिरत मे जन्नत को हासिल करें )_,"*
*🗂️_ कंजुल मदफून -134*
[8/23, 8:12 PM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नत की खेती और काश्तकारी,*
*"_ अल्लाह तआला का इरशाद है :- (सूरह अज़-ज़ुख़रुफ़, आयत 71)*
*ٍ"__और वहां (जन्नत मे) वो चीज़े मिलेगी जिनको दिल चाहेगा और जिनसे आंखों को लज़्ज़त होगी (लिहाज़ा अगर कोई जन्नत मे काश्तकारी की ख्वाहिश करेगा तो वो भी आयत की रोशनी में साबित होती है)"*
*"_ हजरत अबू हुरैरा रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम एक दिन कुछ बयान फरमा रहे थे उस वक़्त हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के पास एक देहाती शख्स भी बैठा था, (आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया) जन्नतियों में से एक शख्स अपने परवरदिगार जल शांहू से खेती करने के लिए दरख्वास्त करेगा तो अल्लाह तआला फरमायेंगे- तुमने जो चाहा है वो तुम्हें नहीं मिला ? वो अर्ज़ करेगा क्यों नहीं लेकिन मैं पसंद करता हूं कि काश्तकारी करुं, तो वो काश्तकारी करेगा और बीज बोयेगा तो वो फ़ोरन ही उग जाएगा और बराबर (खड़ा) हो जाएगा और काट लिया जाएगा और उसका ज़ख़ीरा पहाड़ों की तरह ढ़ेर की शक्ल में नज़र आएगा_,"*
*" _तो अल्लाह तआला फरमायेंगे- ऐ इंसान ! ये ले तुझे तो कोई चीज़ सेर नहीं कर सकती,*
*"_ तो (ये सुन कर) देहाती ने अर्ज़ किया- या रसूलुल्लाह! वो (जन्नत मे खेती की तलब करने वाला) कोई कुरैशी अंसारी ही होगा क्योंकि यही हज़रात काश्तकारी करते हैं हम लोग तो खेतियों वाले हैं ही नहीं,*
*"_ तो (यह सुन कर) रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मुस्कुरा दिये _,"*
*🗂️ बुखारी फिल तोहीद (7519) बाब- 38, अल बद्रो सफ़राह (2140) हादी अल रवाह-234, सफ़तुल जन्नत अबू नईम-3/239, मुसनद अहमद-2/511-512,*
[8/25, 5:53 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞ _जन्नत मे ज़र्रा बराबर तकलीफ ना होगी,*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं :-*
*"_ (तर्जुमा) _बेशक खुदा से डरने वाले (अहले ईमान) बागों और चश्मों मे (बसते) होंगे, तुम इन (जन्नात और चश्मों मे) सलामती और अमन के साथ दाखिल हो जाओ, (यानी उस वक्त भी हर मकरूह से सलामती है और आइंदा भी किसी शर का अंदेशा नहीं) और (दुनिया मे तबई तकाज़े से) उनके दिलो मे जो की़ना था वो सब (उनके दिलों से जन्नत मे दखिल होने से पहले ही) दूर कर देंगे कि सब भाई भाई की तरह (मुहब्बत से ) रहेंगे, तख्तों पर आमने सामने बैठा करेंगे वहां उनको ज़रा भी तक़लीफ ना पहुंचेगी और न वहां से निकाले जाएंगे _,"*
*🗂️_तफ़सीर बयानुल क़ुरआन (सूरह हिज्र: 45 से 48)*
*"_हज़रत अब्दुल करीम बिन रशीद फरमाते हैं कि जब जन्नती जन्नत के दरवाज़े तक पहुंचेंगे तो वो (आप के मुखालिफों और दुश्मनो को) देखेंगे जेसे आग आग को देखती है लेकिन जब वो जन्नत मे दाखिल होंगे तो अल्लाह त'आला उनके दिलों में मोजूद कीनों को खत्म कर देंगे और वो आपस में भाई भाई बन जाएंगे_,"*
*🗂️_ जुहद अब्दुल्ला बिन अहमद, अल बद्रो सफ़राह (2115)*
[8/26, 6:45 AM] Haqq Ka Daayi Official: *☞_ जन्नतियों और दोज़ाखियों के दर्मियान मौत को ज़िबह कर दिया जाएगा ,*
*"_हजरत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_ (जन्नती जन्नत में और दोज़खी दोज़ख में दाखिल होने के बाद) मौत को उस शक्ल मे लाया जाएगा गोया कि वो नीले रंग का दुंबा है, उसको जन्नत और दोज़ख के दर्मियान खड़ा किया जाएगा, फ़िर पुकारा जाएगा - ऐ जन्नत वालो! क्या तुम इसे पहचानते हो ? तो वो गर्दन लंबी कर के देखेंगे और कहेंगे - हां ये मौत है,*
*"_ फ़िर दोज़खियों को पुकारा जाएगा - ऐ दोज़ख वालो! क्या तुम इसे पहचानते हो ? तो वो भी गर्दन लंबी कर के देखेंगे और कहेंगे- हां ये मौत है,*
*"_ फ़िर उसके लिए हुक्म होगा तो उसको ज़िबाह कर दिया जाएगा, फ़िर ऐलान किया जाएगा - ऐ जन्नत वालो! अब तुमको हमेशा रहना है तुम पर कभी मौत नहीं आएगी और ए दोज़ख वालों ! तुमको भी हमेशा रहना है तुम पर भी कभी मौत नहीं आएगी _,"*
*"_ इसके बाद जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ये आयत मुबारक तिलावत फरमाई :- (सूरः मरियम, आयत 39, तर्जुमा)_और उन इंसानों को उस हसरत के दिन से डराएं जब (हमेशा के लिए जन्नत या दोज़ख मे रहने का) फैसला कर दिया जाएगा हालांकी ये लोग गफलत मे है ईमान नहीं लाते _,"*
*📚_बुखारी (4730) मुस्लिम (2849) तरगीब व तारीब (4/562)*
*⚃➠फायदा:- हज़रत इब्ने उमर रज़ियल्लाहु अन्हु की हदीस मे है कि जब जन्नत वालों और दोज़ख वालों के सामने मौत को ज़िबाह कर दिया जाएगा तो जन्नत वालों की ख़ुशी में (इंतहाई) इज़ाफ़ा हो जाएगा और दोज़ख वालों का ग़म भी बहुत हो जाएगा _,"*
*📚 बुखारी (6548) मुस्लिम (43)*
: *☞_ जन्नत छोड़ने को दिल ही ना चाहेगा_,सिर्फ शहीद दुनिया मे वापसी की तमन्ना करेंगे*
*"_ अल्लाह तआला इरशाद फरमाते हैं (सूरह अल-कहफ, आयत, 107-108)*
*"_ (तर्जुमा) बेशक जो लोग ईमान ले और उन्होंने नेक काम किए उनकी मेहमानी के लिए फिरदौस (यानी जन्नत) के बाग होंगे जिनमे वो हमेशा रहेंगे (ना उनको कोई निकालेगा) और ना वो वहां से कहीं और जाना पसंद करेंगे _,"*
*"_ हजरत अनस बिन मालिक रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि जनाबे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया :-*
*"_कोई जन्नती ऐसा नहीं जिसको ये बात अच्छी लगेगी कि वो दुनिया मे लौट जाए और उसको दस गुना दुनिया का मालिक बना दिया जाए, मगर शहीद क्यूंकी ये इसकी ख्वाहिश करेंगे के ये दुनिया में लौट जाएं दस मर्तबा शहीद किए जाएं इस वजह से कि जो उसने (शहदत के सवाब मे) फ़ज़ल व मर्तबा पाया होगा,*
*📚_सहीह इब्ने हिबान (अल एहसान -10/272 (7409) मुसनद अहमद (3/251, 289)*
*☞_ कलमा ए शुक्र और इल्तिजा*
*⚃➠ अल्लाह जल शानहू अम्म नवालुहु का बेइंतहा एहसान और फ़ज़ल व करम है कि उस जा़ते पाक ने "जन्नत की राहें" और "जन्नत के हसीन मनाजिर" जेसी क़ीमती उर्दू व अरबी किताबों से आसान अंदाज़ व ज़ुबान मे ज़खीरा जमा करके मेसेज की शक्ल में तरतीब देने की तोफ़ीक इस नाचीज़ को अता फ़रमाई,*
*⚃➠" हमने बहुत कोशिश की कि तरतीब देने में किसी भी तरह की कोई ग़लती ना होने पाए, लेकिन गुनहगार इंसान हूं, इसलिये अल्लाह तआला की बरगाह मे ये इल्तिजा है कि नाचीज़ की इस खिदमत में जो कुछ भी लग्जिशें सरज़द हुई हैं उनसे दरगुज़र फरमाये और हम तमाम मुसलमानों को इन मक़बूल किताबों के हर अल्फाज़ से फायदा उठाने की तोफीक अता फरमाये, और हम सभी को अल्लाह तआला अपने फ़ज़ल व करम से हमारे तमाम गुनाहों की मग्फिरत फरमा कर जन्नत के आला दरजात में दाखिल फरमाये, आमीन या रब्बुल आलमीन_,*
*✍ आपका भाई - हक़ का दाई*
╟❥ *अल्हम्दुलिल्लाह____*
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